आदिवासी अंचलों में सवारी वाहनों में क्षमता से ज्यादा बोझ ढोने से दुर्घटना का खतरा बढ़ता जा रहा है। स्कूल के विद्यार्थी, मजदूरी पर जाने वाले लोग, विशेषकर स्थानीय लगने वाले हाट-बाजारों में खरीदारी कर वापस अपने घरों की और जाते समय छोटे वाहनों में इधर-उधर लटके हुए देखे जा सकते हैं। जबकि इसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसे रोकने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए, क्योंकि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में लापरवाही के कारण जानमाल की हानि होती है। खासतौर पर जहां सड़कें खराब हों, वहां इस पर सख्ती से रोक लगाने की जरूरत है। सड़कों का सुधार और उसमें मरम्मत भी आवश्यक है, ताकि दुर्घटना की स्थितियों से बचा जा सके। इसलिए सड़कें बनाने की मानक गुणवत्ता का स्तर, नई तकनीकी और ज्यादा बेहतर हो, ताकि जिसके बनने के बाद सड़कों पर प्रतिवर्ष होने वाला रखरखाव कम हो सके। परिवार के लोग अपने प्रिय सदस्य के घर आने की राह देख रहे होते हैं। इसलिए सबको सड़कों पर सुरक्षित और नियमों का पालन करते हुए चलने की जरूरत है।
- संजय वर्मा ‘दृष्टि’, मनावर, धार, मप्र