कोरोना महामारी के लिए पूरी दुनिया ने चीन को जिम्मेदार ठहराया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन छोड़ कर भारत का रुख कर रही थी, तभी उन कंपनियों को भारत की ओर जाने से रोकने के लिए चीन ने सीमा विवाद प्रांरभ कर दिया। गलवान घाटी की खूनी झड़प उसी विवाद का हिस्सा था। भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर चीन को मुंहतोड़ जबाब दिया।
कई महीनों से दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के आमने सामने है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वातार्एं हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इन्ही विवादों के बीच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय सेना का हिस्सा बने। रक्षा उत्पादन में देश ने स्वदेशी तकनीक विकसित कर कदम बढ़ाए। हमारे वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड समय मे कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए टीके तैयार कर मानवता को बचाने में अहम योगदान दिया और कई देशों को टीकी आपूर्ति कर पूरी दुनिया में चीन को अलग-थलग कर दिया।
इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि दुनिया में भारत के बढ़ते कद और शक्ति को देखते हुए ही चीन के रुख में बदलाव आया है और अब चीन ने अपनी सेना को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। यह हमारी सेना के पराक्रम और सरकार की सफल कूटनीति का परिणाम है।
हिमांशु शेखर, केसपा, गया