वर्तमान समय में व्यस्त होना सम्मान का प्रतीक माना जाता है। अगर आप खाली बैठे हैं तो आप खुद ही परेशान होंगे कि आप खाली क्यों है। ‘खाली दिमाग शैतान का घर’ एक पुरानी कहावत है। इसीलिए व्यस्त रहना जिंदगी में बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर हम व्यस्त नहीं है तो लोग हमारा नाजायज फायदा उठाने का प्रयास करते हैं। जिंदगी में क्या करना है, हम सोचें और विचार करते हुए अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदारी से प्रयत्न करते हुए आगे बढ़ते रहें।

आजकल लोग दूसरों को देखकर कोई काम करते हैं, लेकिन यह हमेशा के लिए उचित नहीं है। अगर हम खाली बैठे हैं तो कुछ न कुछ गलत भी कर सकते हैं। आजकल जो ज्यादा झगड़ालू व्यक्ति होता है, समाज उसको इज्जत के साथ अपने पास रहने देता है। वहीं जो व्यस्त रहते हैं, उनको न लड़ने का वक्त है, न झगड़ने का। तो लोग ऐसे व्यक्तियों से दूर रहते हैं। अगर लोग हमसे दूर रहते हैं, तब हमारे पास मौका होता है अपने आपको इंसान बनाने के साथ महान बनाने का।

हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं, पढ़ाई मन लगाकर की जा सकती है, चिंतन-मनन किया जा सकता है। हम अपने बारे में यह सोचकर कि आप समाज में किस स्तर पर हैं, अपने स्तर को सुधार सकते हैं और सुख-सुविधाओं की वस्तुओं को प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं, क्योंकि हम खुद में व्यस्त हैं। इसलिए हम खुद का विकास अन्य की अपेक्षा का ज्यादा तेजी से कर सकते हैं।

इतिहास में महात्मा बुद्ध हों या महावीर स्वामी या फिर स्वामी विवेकानंद, प्रत्येक महान पुरुष शुरू में ध्यान करने या तपस्या करने आदि कार्य में व्यस्त रहा है। तभी उसने इस समाज में इतनी उपलब्धि और महानता हासिल की है। असल में हम व्यस्त रहते हैं तो कुछ भी कर सकते हैं। हमारे लिए असफलता और नामुकिन शब्द का कोई मतलब नहीं रहेगा, इसलिए व्यस्त रहने का प्रयास करना चाहिए और इस पर चिंतन और मनन जरूर करें।

  • वीएस भारतीय, इलाहाबाद विवि