वैश्विक स्तर पर यह प्रयास किए जाने की जरूरत है कि लोग तंबाकू का सेवन छोड़ अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें। हम जानते हैं कि तंबाकू हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गलत प्रभाव डालता है। इस इस कारण हमारे स्वास्थ्य में गिरावट होने लगती है। हम सब अवगत हैं कि विश्व स्वास्थ संगठन के आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में 1.30 मिलियन लोग तंबाकू का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इन लोगों पर नियंत्रण करने के लिए और तंबाकू के बढ़ते दुष्प्रभाव को रोकने के लिए यह जरूरी है कि इसके बढ़ते प्रयोग पर कठोर नियंत्रण किया जाए।
विश्व संगठन के आंकड़े बताते हैं कि तंबाकू सेवन करने से पूरे विश्व में प्रतिवर्ष अस्सी लाख लोगों के मृत्यु हो जाती है। इसलिए इन आंकड़ों को देखते हुए अब जनमानस को खुद को समझाने और मन से सोचने -समझने की जरूरत है कि हम सब तंबाकू का निषेध करें। यह प्रतिबंध लगाने के लिए इससे होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को जानकारी देने की जरूरत है। इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की ओर से इस साल भी एक संदेश दिया गया है, जिसमें तंबाकू को छोड़ने का संकल्प अंकित है। उसमें यह बात स्पष्ट दिखाई देती है- ‘छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध’। यह एक प्रारंभिक संदेश देती दिखती है कि हम-सब मिल कर इस उद्यम को प्रभावी तरीके से देश भर में लागू करा सकते हैं।
कोरोना विषाणु की मार के दौर में इस जागरूकता अभियान को इंटरनेट के जरिए आयोजित कर भी हम इसे प्रभावी बनाने में सफल हो सकते हैं। सरकार की ओर से तंबाकू के सेवन को खत्म करने के लिए कई कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। हम जानते हैं कि तंबाकू के प्रयोग से फेफड़ों और मुह के कैंसर की बीमारी आम बात हो गई है। पुष्ट आंकड़े बताते हैं कि कैंसर के मरीजों में तीस फीसद मरीज तंबाकू का सेवन करने वाले ही पाए जाते हैं। इसके अलावा, तंबाकू का सेवन मनुष्य के जीवन में एक बहुत ही गलत संदेश और परिवार को तोड़ने वाला भाव पैदा करता है। इसलिए हमें यह प्रतिज्ञा लेने की जरूरत है कि हम तंबाकू का सेवन छोड़ें।
’अशोक, पटना, बिहार