देश में पिछले लगभग डेढ़ साल में लाखों लोग कोरोना की भेंट चढ़ गए। करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। देश में भुखमरी का प्रतिशत भी बढ़ गया। दुकानें, फैक्ट्रियां, रेस्टोरेंट, जिम आदि सब बंद हो गए। पढ़ने वाले बच्चे भी घरों में कैद हो गए। लोग मजबूर हैं अपने प्रियजनों की लाशों को नदियों में बहाने के लिए। हिंदू होते हुए भी शवों का संस्कार करने की बजाय रेत में दफनाया जा रहा है। हमारा समाज इतना कैसे सिकुड़ सकता है कि एक तरफ बीमारी ने बच्चों को अनाथ कर दिया है, भुखमरी बढ़ रही है।
हर तरफ डरावना माहौल है तो दूसरी तरफ कोई परिवार कैसे पूरा हवाई जहाज बुक करके पूरी शानो-शौकत के साथ अपने बच्चों की शादी का दिखावा कर रहा है? कोरोना से संबंधित सारे नियमों को ताक पर रखते हुए सिर्फ अपनी शान दिखाने का ढोंग कर रहा है। कोई भी इतना बेरहम कैसे हो सकता है? जब लोगों के पास खाने को नहीं हो, अपने परिजनों का सम्मानपूर्वक संस्कार करने के लिए पैसे न हों तो कोई भी कैसे ऐसे शादी करके ऐश्वर्य का बेहिचक प्रदर्शन कर नाच-गा सकता है?
-चरनजीत अरोड़ा, नरेला, दिल्ली</em>