कोरोना वायरस से मुंबई, पुणे, चेन्नई, बंगलुरु और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि कई लोगों ने मान लिया है कि अब कोरोना समाप्त हो गया है। इसीलिए सड़कों और बाजारों में बिना मास्क के ही घूमते हैं। आम लोग ही नहीं, सरकार भी कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रही।
अब सरकारी इमारतों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और भी कई सरकारी जगहों पर मास्क को कोई नहीं पूछता। दो साल पहले जो महामारी की खबर आई थी, हम सभी घबरा गए थे। कोरोना की दूसरी लहर ने तो कहर मचाया था। इस बात से सभी अवगत हैं, फिर भी हम इतनी लापरवाही क्यों कर रहे हैं? क्या हम दुबारा उसी दौर से गुजरना चाहते हैं, जब लाखों लोग रो और अपने रिश्तेदारों के लिए बिलख रहे थे?
अभी तक कोरोना ने हमारा पीछा नहीं छोड़ा है, यह हम कैसे भूल सकते हैं। इसीलिए मास्क लगाना बेहद जरूरी है, ताकि हम आने वाले संकट को टाल सकें और दुबारा पिछले जैसा बादल हमारे ऊपर ना छाए।
रिशु झा, फरीदाबाद