भारत भूमि पर अनेक ऋषि-मुनियों और धर्म गुरुओं का जन्म हुआ, जिन्होंने समय-समय पर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। मगर अब ऐसे साधु-संत-महात्मा भी मैदान में आने लगे हैं, जो धर्म संसद का आयोजन कर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ जहरीले वचन बोलने लगे हैं। उत्तराखंड में हुई धर्म संसद के बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में जिस प्रकार धर्म संसद के दौरान कालीचरण ने जहरीला भाषण दिया, उससे स्वाभाविक ही पूरा देश उद्वेलित है।

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने न केवल विभिन्न प्रकार के अत्याचार सहे, बल्कि उनमें अनेक ऐसे भी थे, जिन्होंने फांसी के फंदे को भी चूमा। अंग्रेजों की यातनाओं को भी सहा। अनेक को काले पानी की सजा भी हुई। पर, बड़े आश्चर्य की बात है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को खुलेआम धर्म संसद में कालीचरण ने अपशब्द कहे। उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।
’विजय कुमार धानिया, नई दिल्ली</strong>