हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण ने बताया कि सरकार ने स्वास्थ्य पर खर्च में वृद्धि की है, जिसमें आउट आफ पाकेट एक्सपेंडिचर वर्ष 2017-18 में घट कर 48.8 प्रतिशत हो गया है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र द्वारा तैयार की गई थी, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा तकनीकी सचिवालय के रूम में नामित किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उपलब्ध कराए गए स्वास्थ्य खातों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति प्रणाली 2011 के आधार पर एक लेखा ढांचे का उपयोग कर एनएचए अनुमान तैयार किए जाते हैं। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य पर सामाजिक सुरक्षा व्यय का हिस्सा, जिसमें सामाजिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम, सरकार द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा योजनाएं और सरकारी कर्मचारियों को की गई चिकित्सा प्रतिपूर्ति शामिल है, उसमें वृद्धि हुई है।
लोगों को प्रस्तावित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए मौजूदा स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों को तैयार करने के लिए उनके प्रशिक्षण, कौशल और ज्ञान उन्नयन पर ध्यान देना आवश्यक है। भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य वित्तपोषित पर व्यय लगातार कम हो रहा है। भारत का कुल व्यय सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2.3 फीसद है, जो ब्रिक्स देशों द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र पर किए जाने वाले औसत खर्च की तुलना में काफी कम है।
’समराज चौहान, कार्बी आंग्लांग, असम</p>