चौथे दिन भी राज्यसभा में लगातार हंगामा चलता रहा। रोजाना की तरह तख्तियां लहराई जाती रहीं। यह किसी भी तरह से उचित नहीं है। जबसे मानसून सत्र प्रारंभ हुआ है, दोनों सदनों में कांग्रेस का हंगामा लगातार जारी है। हम भी यह मानते हैं कि आटा, दाल चावल, बेसन, दूध आदि वस्तुओं पर जीएसटी अधिक है, पर उस मुद्दे को यहां संसद में बैठ कर भी तो चर्चा करके निपटाया जा सकता है।

रोज संसद की कार्यवाही को बाधित करना तो कतई उचित नहीं कहा जा सकता है। हमारा विपक्ष से यही कहना है कि इसके लिए संसद में बैठ कर चर्चा क्यों नहीं करते, हमेशा उसे भंग करने पर क्यों तुले हुए हैं।

आज हर दिन जनता की गाढ़ी कमाई पर जो इस तरह से प्रहार हो रहा है, वह सब विपक्ष ही कर रहा है। इसलिए आज के नए नियमों के अनुसार जो सड़कों पर हंगामा करता है, उसकी क्षतिपूर्ति हंगामा करने वाले से वसूली जाती है, तब हम राष्ट्रपति जी एवं प्रधानमंत्री जी से इस क्षेत्र में भी न्याय की मांग करते हैं।

एमएम राजावत राज, शाजापुर