हमारे देश में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। कृषि का देश की जीडीपी में भी प्रमुख महत्त्व है। लेकिन देश में अब जो रासायनिक खादों या उवर्रकों का प्रयोग होने लगा है, वह उचित नहीं है। फल, सब्जियों की पैदावार या इनकी संभाल करने के लिए भी जो रसायनिक खादों और अन्य कैमिकल का प्रयोग किया जा रहा है, वह भी शरीर के लिए बहुत हानिकारक है, यह जानलेवा बीमारियों को बढ़ावा देता है।

इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि आधुनिक तकनीक से कृषि के क्षेत्र में बहुत सुधार नहीं हुआ है। रासायनिक खादों का खतरा प्राणी जाति की सेहत के लिए मात्र खेती की पैदावार से नहीं, बल्कि यह रासायनिक खाद भूजल में मिल कर प्राणियों के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। अगर समय रहते रासायनिक खादों की जगह जैविक खादों का प्रयोग फिर से शुरू नहीं किया गया, तो वे दिन दूर नहीं, जब सब्जियां, फल और अनाज भी सेहत के दुश्मन बन जाएंगे।

जैविक खाद का प्रयोग बढ़े, इसके लिए सरकारों को किसानों को विशेष योजनाओं की सौगात देनी होगी। किसानों को तकनीकी और आर्थिक सहायता देनी होगी। किसानों को पशु पालन के लिए जागरूक करने और इसके लिए भी सरकारों को कुछ नीतियां बनानी चाहिए, ताकि किसान जैविक खाद तैयार कर सकें।
’राजेश कुमार चौहान, जालंधर