दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन जी-20 का भारत द्वारा अध्यक्षता करना एक गर्व का पल है। आज पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। शायद इसी वजह से जी-20 संगठन का सदस्य न होने के बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को आभासी रूप से जुड़ने और अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया गया। कोरोना महामारी और यूक्रेन संकट की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही हैं। भारत आज भी वसुधैव कुटुंबकम की नीति का पालन कर रहा है, शायद इसी वजह से आज सभी देश रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है। इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत के बढ़ते कदम की स्वीकार्यता की निशानी है।

  • हिमांशु शेखर, गया