हर घर नल का जल योजना की शुरूआत 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। लेकिन तीन वर्ष बाद भी योजना पूर्ण नहीं हो पाई है। इसके साथ ही कई जगहों पर तमाम घोटाले देखने को मिल रहे हैं।

सरकार सिर्फ यह प्रचार करने में लगी रहती है कि हम नल जल योजना के माध्यम से हर घर पानी पहुंचाने में सफल रहे हैं, लेकिन क्या सरकार कोई सर्वे करा पाई है, क्या कोई आंकड़ा है सरकार के पास कि इस योजना के अंतर्गत कितने लोग पानी का इस्तेमाल कर रहें हैं? कई ऐसी जगह देखने को मिल रही हैं जहां देखने के लिए टंकी बना दी गई है लेकिन पानी आज तक किसी के घर नहीं पहुंचा।

कई ऐसी जगह हैं जहां सिर्फ उदघाटन होने के साथ पानी पहुंचना शुरू तो हुआ, लेकिन उसके बाद आज तक लोग पानी को तरस रहे हैं। कई वार्ड ऐसे हैं जहां योजना पूरा कर ली गई है, लेकिन हर घर तक पानी नहीं पहुंच पाया है। आए दिन इन योजना में घोटाले सामने आ रहे हैं।
’अरुणेश कुमार, मोतिहारी

अब सजा भी हो

दिल्ली हाईकोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को आपराधिक मानहानि मामले में बरी कर दिया। इसका ये मतलब हुआ कि वर्षों पूर्व जो यौन हिंसा हुई थी, वह सही था। अदालत ने टिपण्णी की है कि ‘प्रतिष्ठा का अधिकार गरिमा का अधिकार से बड़ा नहीं हो सकता’।

पीड़ित महिलाएं दशकों बाद भी शिकायत लेकर अदालत आ सकती हैं। मीटू यानी मैं भी का जो सिलसिला दुनिया के साथ-साथ भारत में शुरू हुआ था, वह अब फिर से जोर पकड़ेगा। रमानी ने मानहानि का मुकदमा तो जीत लिया। अब पारी है अकबर साहब को उनके किए की सजा दिलवाने की, ताकि यह फैसला एक नजीर बन सके और कार्यस्थल पर महिलाओं को बुरी नजर से बचाया जा सके।
’जंगबहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर