लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना में आठ लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। मृतकों के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने के अलावा उच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त जज की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित करने की घोषणा की गई है। इसके बावजूद प्रदेश में आंदोलन और प्रदर्शन जारी हैं। उप्र में चुनाव नजदीक होने से सियासत कुछ ज्यादा ही गरमा गई है।

हालांकि किसान नेता और उप्र प्रशासन के बीच सुलह भी हो गई है, पर विपक्षी इस मुद्दे को उलझा कर सियासती रंग देने पर तुले हुए हैं।
केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को यथाशीघ्र लखीमपुर घटना की जांच कर कारणों खुलासा करना और इसके समाधान खोजने होंगे, ताकि मौत पर सियासत न हो सके और अन्नदाता के साथ किसी भी दशा में लखीमपुर जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
’बीएल शर्मा ‘अकिंचन’, उज्जैन

महंगाई की मार

गैस कंपनियों ने रसोई गैस के सिलेंडर की कीमत में एक बार फिर वृद्धि कर दी है। रसोई गैस की कीमत में निरंतर वृद्धि हो रही है। देश के अनेक राज्यों में इसकी कीमत एक हजार रुपए के पार चली गई है। इसकी सबसिडी भी ऊंट के मुंह में जीरे जैसी ही आती है। एक हजार रुपए तो देश की आबादी के बड़े हिस्से की एक दिन की कमाई भी नहीं है। बहुत से लोगों की एक दिन की कमाई 300-400 रुपए हो सकती है। रसोई गैस आमजन के रोजमर्रा की सबसे बड़ी जरूरत है। माना कि सरकार को इन सुविधाओं को आमजन तक उचित, समय पर और आरामदायक तरीके से उपलब्ध कराने के लिए भारी खर्चा करना पड़ता है, लेकिन सरकार की कुछ गलत नीतियां भी मंहगाई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

एक तरफ तो केंद्र सरकार ने हर गरीब के घर तक रसोई गैस पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन दूसरी तरफ उसकी कीमत में वृद्धि कर गरीब और मध्यवर्गीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। किसी भी राजनीतिक दल की सरकार अपनी जेब से कोई मुफ्त की सुविधा नहीं देती। मुफ्त की सेवाओं का आर्थिक बोझ जो सरकारों पर पड़ता है उसकी भरपाई सरकारें महंगाई बढ़ा कर अवश्य करती हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई सुरसा के मुंह की तरह दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। अगर देश में वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला यों ही चलता रहा, तो आने वाले समय में हमारे देश में भूखे पेट सोने वालों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो जाएगी।
’राजेश कुमार चौहान, जलंधर