चीन पड़ोसी देशों के साथ अभद्र व्यवहार कर उनके जज्बातों से खेलने के लिए जाना जाता है। बढ़ती आर्थिक संपदा और सैन्य ताकत को लेकर चीन इतराने लगा है। कभीवह तिब्बत पर दमनकारी नीति अपना कर परेशान करता है तो कभी धार्मिक पूजा-पाठ का विरोध कर तिब्बती लोगों की भावना आहत करता है। तिब्बत में अब चीनी भाषा सीखने के अलावा एक दूसरे के धर्म को कमतर आंकने का काम कर छोटे देशों पर दबाव बनाया जा रहा है। विनाश की डगर पर खड़े चीन की हरकतें दुनिया से छिपी हुई नहीं हैं। शांति और भाईचारे के साथ रहने से आपस में विश्वास की बुनियादी खड़ी की जा सकती है। भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। यहा सभी धर्म और मजहब के लोग रहते हैं। इतने धर्मों के अनुयायी होते हुए भारत ने एकता और अखंडता की दुहाई दी जाती है। भारत में यही मान्यता है कि सभी धर्म महान हैं। एक दूसरे के धर्म पर कीचड़ उछालने और मूर्तियों को तोड़ कर भावना को आहत करना किसी का हक नहीं है।
’कांतिलाल मांडोत, सूरत, गुजरात
अराजक चीन
विनाश की डगर पर खड़े चीन की हरकतें दुनिया से छिपी हुई नहीं हैं। शांति और भाईचारे के साथ रहने से आपस में विश्वास की बुनियादी खड़ी की जा सकती है।
Written by जनसत्ता

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First published on: 21-08-2021 at 06:12 IST