यह जरूरी नहीं कि जो आदमी कार बनाने में महारत रखता हो, जो अंतरिक्ष में लोगों को सैर करवाता हो, जो इंटरनेट सेवा प्रदाता हो या जिसकी कंपनी सुरंग खोदने में विशेषज्ञ हो, वह ट्विटर इस्तेमाल करने वालों का भावना को भी समझता हो। यह भी जरूरी नहीं कि वह इस विशालकाय कंपनी में काम करने वाले लोगों का योगदान और उनकी आवश्यकता को समझता हो।
पहले लगा था कि ऊंचे पद पर बैठे पराग अग्रवाल और विजया गड्डे को पदमुक्त करके एलन मस्क कुछ बदलाव लाना चाह रहे हैं। मगर अब जब आठ हजार में से आधे कर्मचारियों को बिना किसी नोटिस के बर्खास्त कर दिया गया। यह तो अंतराष्ट्रीय कानून का उलंघन है। क्या अमेरिकी सरकार मस्क के खिलाफ कोई करवाई करेगी ? तमाम स्थितियां देख कर लग रहा है कि जो चिड़िया अभी तक आजाद थी, वह अब क़ैदी बना ली गई है।
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी,जमशेदपुर
मोरबी का सबक
डेढ़ सौ वर्ष पुराने मोरबी के झूलते पुल की मरम्मत पर दो करोड़ रुपए खर्च होने की बात सामने आई। इसके बावजूद यदि पुल टूट जाता है और डेढ़ सौ से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु होती है तो यह कोई सामान्य घटना नहीं अपितु बेहद गंभीर बात है। संपादकीय ‘जवाब देही के बजाय‘ में उल्लेख है कि दोषी मैनेजर ने करतूत को छिपाते हुए बेशर्मी से अदालत में कहा कि पुल का टूटना और लोगों की मृत्यु भगवान की मर्जी है।
इस घटना से सबक लेना चाहिए ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। लेकिन दुख की बात है कि पुलों के गिरने के हादसे होते रहते हैं और ऐसी घटनाओं से हम कुछ नहीं सीखते। दोषी भी बचे ही रहते हैं। दरअसल ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतत निगरानी और आधुनिक सुरक्षा के साधनों सहित तंत्र का कायाकल्प जरूरी है, ताकि शासन और प्रशासन पर जनता का भरोसा बरकरार रह सके।
बी एल शर्मा ‘अकिंचन‘ , उज्जैन