पिछले दिनों तथाकथित संत रामपाल के आश्रम में जो कुछ हुआ वह बहुत शर्मनाक है, इससे पहले आसाराम बापू और निर्मल बाबा के कांड हुए, लेकिन न सरकार जागी और न ही जनता। निर्मल बाबा फिर आ गए। एक दिन ऐसे ही आसाराम और रामपाल भी आ जाएंगे, अगर कानून का सख्ती से पालन नहीं हुआ तो और परेशान अंधविश्वासी जनमानस नहीं जागा तो। आज टीवी चैनलों पर हर धर्म के लोगों को धोखा देने वाले अपनी दुकाने खूब चला रहे हैं और सरकारें तब जाग रही हैं जब कोई कांड हो जाता है। अगर वास्तव में सरकार इस समस्या के स्थायी समाधान के प्रति गंभीर है तो हर एक राज्य में सर्वदलीय और सर्वधर्म समितियों का गठन करके एक-एक धार्मिक स्थल की पूरी जांच कराए और फिर उनको प्रमाण पत्र जारी करे, अन्यथा किसी अगले रामपाल या आसाराम का इंतजार!

’यश वीर आर्य, दिल्ली

 

 

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