DRDO और इसरो जैसी सरकारी संस्‍थाओं के लिए काम करने वाली कंपनी जेटवर्क अब तेल-गैस, डिफेंस और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में कदम रखने जा रही है। इसने तीन ऐसे कंपनियों का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि मैन्युफैक्चरिंग यूनिकॉर्न जेटवर्क ने तेल और गैस, एयरोस्पेस, डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपोनेंट सेगमेंट में अपने इंडस्ट्रियल वर्टिकल बिजनेस को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये में तीन कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

कंपनी ने एयरोस्पेस और रक्षा निर्माण क्षमताओं के लिए पिनाका एयरोस्पेस सॉल्यूशंस का अधिग्रहण किया है। वहीं तेल और गैस उद्योग के लिए ज़ेटवर्क ने शार्पटैंक्स में बहुमत हिस्सेदारी और व्हील्स इंडिया की वर्धा फैब्रिकेशन यूनिट में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी 1.5 अरब डॉलर के बाजार में प्रवेश करने के लिए की है, जिसमें बिजली, सड़कों और रेलवे के भागों का विनिर्माण भी शामिल है।

कंपनी ने कहा कि जेटवर्क और पिनाका का एक साथ काम करने का इतिहास रहा है और विश्वास है कि हमारी संयुक्त क्षमताएं एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग को आकार देने में मदद करेंगी क्योंकि वैश्विक बाजार में भारतीय विनिर्माणों की मांग बढ़ रही है।

और अधिक कंपनियों को शामिल करने की योजना
ज़ेटवर्क मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के सह-संस्थापक और सीईओ अमृत आचार्य ने कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे और विस्तार करेंगे, हम अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अपने पोर्टफोलियो में और अधिक घरेलू निर्माण कंपनियों को शामिल करेंगे।

इन संस्‍थाओं के लिए करती है काम
कंपनी भारतीय रक्षा इकाइयों रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जैसी सरकारी अनुसंधान सुविधाओं और Carlisle, Tata, AVTEC, BEL, HAL जैसे उद्यम ग्राहकों को संचार की सुविधा देती है।

देश की सात कंपनियों में से एक
Zetwerk ने इक्विटी और नकदी सौदे के माध्यम से कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। SharpTanks तेल और गैस, पेट्रोकेमिकल, उर्वरक और रसायन उद्योगों में ग्राहकों की सेवा के लिए डिजाइन, निर्माण, उपकरणों की कमीशनिंग और संरचनात्मक कार्य करता है। आचार्य ने कहा कि इस अधिग्रहण के साथ, Zetwerk इस क्षेत्र में काम करने वाली देश की सात कंपनियों में से एक बन जाएगी।