सरकार ने हाल ही में हेल्थ इंश्योंरेस पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) को जीरो कर दिया है यानी हेल्थ इंश्योंरेस पर कुछ भी जीएसटी नहीं देना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद से हेल्थ इंश्योंरेस की डिमांड में तेजी देखने को मिल रही है। पॉलिसीबाज़ार की एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च स्वास्थ्य बीमा कवरेज की कुल मांग में 38% की तेजी आई है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रिपोर्ट में यहां संकेत दिया गया है कि लोग बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल लागत और चिकित्सा आपात स्थितियों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसमें कहा गया है कि जीएसटी जीरो होने से हाई-प्राइस वाली हेल्थ स्कीम्स में 38% की वृद्धि हुई है, अतिरिक्त योजनाओं की मांग भी बढ़ी है।

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हेल्थ इश्योरेंस कवर 13 लाख रुपये से बढ़कर हुआ 18 लाख रुपये

रिपोर्ट के अनुसार, औसत स्वास्थ्य बीमा कवर 13 लाख रुपये से बढ़कर 18 लाख रुपये हो गया है, जो उपभोक्ताओं में न्यूनतम कवरेज के बजाय व्यापक सुरक्षा की आवश्यकता के बारे में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।

इसमें यह भी बताया गया है कि जीएसटी छूट के बाद लगभग आधे स्वास्थ्य बीमा खरीदार (45%) 15-25 लाख रुपये की रेंज वाली पॉलिसियां चुन रहे हैं। लगभग 24% ग्राहक 10-15 लाख रुपये के बीच का कवरेज चुन रहे हैं, जबकि केवल 18% ही 10 लाख रुपये से कम के कवरेज को प्राथमिकता दे रहे हैं।

22 सितंबर से लागू हुआ नया नियम

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, केंद्र सरकार ने जीएसटी दर युक्तिकरण बैठक के बाद, सभी स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियमों पर जीएसटी छूट की घोषणा की। नया नियम 22 सितंबर, 2025 से लागू हुआ। यह छूट ग्राहकों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों को अधिक किफायती बनाने के लिए दी गई थी, क्योंकि अब उन्हें बीमा प्रीमियम पर जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा।

रिपोर्ट में बताया गया है कि मिलेनियल्स और अधिक आयु वर्ग उच्च बीमा राशि (SI) योजनाओं में वृद्धि का कारण बन रहे हैं। छोटे शहरों में कम कवरेज की प्राथमिकता 24.1% से घटकर 16.8% हो गई है।

यह दर्शाता है कि टियर-2 शहरों के ग्राहक भी स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। इन छोटे शहरों में, 15-25 लाख रुपये का कवरेज चुनने वाले ग्राहकों की हिस्सेदारी बढ़ी है।

दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में 61 से 75 वर्ष और 75 वर्ष से अधिक आयु के बुज़ुर्ग ग्राहकों के बीच उच्च-सम बीमा योजनाओं में 11.54% की वृद्धि भी दर्ज की गई है।

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इंश्योरेंस पर कितनी बचत? यहां समझे कैलकुलेशन

अगर अभी कोई शख्स इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 20000 रुपये देता था तो पहले इसे 18% जीएसटी के साथ 23,600 रुपये चुकाने होते थे लेकिन अब जीएसटी खत्म होने के बाद सीधे तौर पर 3600 रुपये की बचत होती है यानी उसे सिर्फ 20000 रुपये ही देने होते है।