Prudent Electoral Trust Donation: राजनीतिक पार्टियों को कॉरपोरेट वर्ल्ड की दिग्गज कंपनियों से बड़ा चंदा मिलता है। चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने अपनी वेबसाइट पर आधिकारिक जानकारी शेयर कर साल 2024 में पॉलिटिकल पार्टियों को मिलने वाले पैसे का डाटा सार्वजनिक किया है। इस डाटा के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी को पिछले साल के मुकाबले साल 2024 में तीन गुना ज्यादा चंदा मिला है। चुनाव आयोग की 2023-24 की कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट में बीजेपी को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 723.6 करोड़ रुपये का चंदा मिला जो कांग्रेस को मिले चंदे का करीब 5 गुना है। इस ट्रस्ट ने कांग्रेस को 156.4 करोड़ रुपये दिए। बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले चंदे को शामिल कर दिया जाए तो डोनेशन की यह रकम कहीं ज्यादा हो जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि Prudent Electoral Trust क्या है? कब शुरु हुआ था यह ट्रस्ट और क्या है इसकी कहानी? चलिए आपको बताते हैं उस ट्रस्ट के बारे में जो राजनीतिक पार्टियों को चंदा देता है…
इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम क्या है?
13 जनवरी 2013 को शुरु हुई इलेक्टोरल ट्रस्ट स्कीम के जरिए कोई कंपनी या व्यक्ति राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों को चंदा दे सकते हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट को कंपनीज एक्ट 1965 के सेक्शन 25 के तहत रजिस्टर्ड कंपनी द्वारा बनाया जा सकता है। खास बात है कि इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कलेक्ट होने वाले पैसे का 95 फीसदी हिस्सा हर वित्तीय वर्ष में राजनीतिक दलों को दान करना जरूरी होता है। हर वित्तीय वर्ष में इलेक्टोरल ट्रस्ट को रिन्यू करवाना होता है।
सबसे अमीर इलेक्टोरल ट्रस्ट
Prudent Electoral Trust देश का सबसे अमीर इलेक्टोरल ट्रस्ट है। जानकारी के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों को कॉरपोरेट घरानों और कंपनियों से मिलने वाला करीब 90 फीसदी चंदा इसी इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिलता है। प्रूडेंट नाम मिलने से पहले इस ट्रस्ट को सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट (Satya Electoral Trust) था। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट एक प्राइवेट कंपनी है जिसकी नींव 25 अक्टूबर 2013 को सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट के तौर पर रखी गई थी।
इस ट्रस्ट को 2014 लोकसभा चुनाव से पहले बनाया गया था। इस ट्रस्ट को पहले भारती ग्रुप के वसंत कुंज ऑफिस से ऑपरेट किया जाता था। शुरुआत में इस ट्रस्ट से कुल 33 कंपनियां जुड़ी थीं जिसे सुनील मित्तल की कंपनी द्वारा संचालित किया जा रहा था। लेकिन बाद में Prudent Electoral Trust का पता बदलकर राजधानी दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर हंस भवन शिफ्ट हो गया। हालांकि, भारती ग्रुप द्वारा समय-समय पर कई बार यह कहा जाता रहा है कि यह ट्रस्ट सिर्फ इसकी ग्रुप कंपनियों द्वारा नहीं चलाया जा रहा बल्कि Hero MotoCrop, National Engineering Industries, GMMCO, Jubilant Foodworks, Orient Cement, JK Tyres, DLP भी इसमें शामिल हैं।
यह एक गैर-सरकारी कंपनी है और यह Registrar of Companies, दिल्ली में रजिस्टर्ड है। हालांकि, अब इस ट्रस्ट के मौजूदा बोर्ड मेंबर और डायरेक्टर मुकुल गोयल व गणेश वेकंटचलम हैं।
तीसरी बार सरकार बना चुकी भारतीय जनता पार्टी पिछले 10 सालों से सत्ता पर काबिज है और प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रेस्ट 2013-14 से बीजेपी को सबसे ज्यादा फंड देना वाला ट्रस्ट है। पिछले 10 सालों में प्रूडेंट से कांग्रेस को मिलने वाले चंदे में लगातार कमी आई है। साल 2024 में जहां बीजेपी को 723.6 करोड़ वहीं कांग्रेस को 156.4 करोड़ रुपये का चंदा मिला। दोनों पार्टियों को ट्रस्ट से मिलने वाले चंदे में बड़ा फर्क है।
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को वित्तीय वर्ष 2023-24 में मिले योगदान में टॉप कंपनियों की बात करें तो RPSG Ventures Limited, WAISL Limited, KMC Constructions Ld, Haldia Energy Ltd, Special Engineering Services Ltd, Bapuna Alcobrew Pvt Ltd, Megha Engineering & Infrastructures Ltd और Western UP Power Transmission CO Ltd में शामिल रहीं।
बात करें 2022-23 की तो प्रूडेंट को चंदा देने वाली कंपनियों में भारती एयरटेल, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, आर्सेलर मित्तल ग्रुप, मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा लिमिटेड, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज और फिलि्पस कार्बन ब्लैक जैसे नाम शामिल थे।
बता दें कि साल 2018 में शुरु हुई विवादित इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (Electoral Bond Scheme) अब भले ही बंद हो चुकी है। लेकिन चुनावी बॉन्ड आने से पहले देश में राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए ही चंदा मिलता रहा है। इस स्कीम को यूपीए 2.0 सरकार ने साल 2013 में लागू किया था।
Electoral Trusts Reports 2023-2024 के लिए कुल 11 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। देखें इन सभी इलेक्टोरल रिपोर्ट की लिस्ट:
1.प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (Prudent Electoral Trust)
2.ट्रीम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (Triumph Electoral Trust)
3.प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (Progressive Electoral Trust)
4.परिबर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट (Paribartan Electoral Trust)
5.जयहिंद इलेक्टोरल ट्रस्ट (Jaihind Electoral Tust)
6.Einzigarting Electoral Trust
7.न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट (New Democratic Electoral Trust)
8.जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट (Jaybharath Electoral Trust)
9.जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट (Janpragati Electoral Trust)
10. जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट (Jankalyan Electoral Trust)
11. स्वदेशी इलेक्टोरल ट्रस्ट (Swadeshi Electoral Trust)
आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों को इलेक्टोरल ट्रस्ट, बॉन्ड और कॉरपोरेट घरानों और आम लोगों से कुल 20 हजार करोड़ का चंदा मिला। वहीं बीजेपी को कुल 2244 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ। जबकि कांग्रेस को कुल 288.9 करोड़ रुपये का डोनेशन वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसी रूट से मिला। पिछले साल कांग्रेस को कुल 79.9 करोड़ रुपये का ही चंदा मिला था।