Vande Bharat Sleeper: भारतीय रेलवे की वंदे भारत स्लीपर (Vande Bharat Sleeper) ट्रेनें देश में रेल यात्रा को और बदलने के लिए तैयार हैं। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को गति और आराम और लेटेस्ट टेक्नॉलाजी पर ध्यान केंद्रित करते हुए लंबी और मध्यम दूरी की यात्राओं के लिए डिजाइन किया गया है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की विशेषताएं (Vande Bharat Sleeper train features)

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को ऑटोमेटिक डोर, आरामदायक बर्थ, फ्लाइट स्टाइल डिजाइन और ऑन-बोर्ड वाई-फाई जैसी बेहतरीन सुविधाओं के साथ डिजाइन किया जा रहा है। इस नई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन के शुरू होने से यात्रियों को ग्लोबल लेबर सुविधाओं और सुरक्षा सुविधाओं से लैस एक शांत, सुगम और ज्यादा आरामदायक यात्रा का अनुभव होगा।

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का स्टेट्स (Vande Bharat Sleeper train status)

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के इस वर्ष की शुरुआत में सफल परीक्षण के बाद, कई लोग अभी भी सोच रहे हैं: यह अगली पीढ़ी की ट्रेन आखिरकार कब शुरू होगी?

शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला रेक चालू होने वाला है। मंत्री ने कहा, “वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट का पहला प्रोटोटाइप पहले ही बन चुका है। व्यापक क्षेत्र परीक्षणों और उससे प्राप्त अनुभव के आधार पर, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला रेक चालू किया जा रहा है।”

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वंदे भारत स्लीपर ट्रेन टेंडर (Vande Bharat Sleeper Train Tender)

एक अलग प्रतिक्रिया में, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा निर्मित की जाने वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा समय में ऐसी 10 ट्रेनों का प्रोडक्शन चल रहा है।

वैष्णव ने कहा, “50 वंदे भारत स्लीपर रेक का और प्रोडक्शन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा, 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के निर्माण का ठेका भी टेक पार्टनर्स को दिया गया है, जिसमें से मेसर्स KINET रेलवे सॉल्यूशंस लिमिटेड को 16 डिब्बों वाली 120 ट्रेनों की आपूर्ति करनी है। यह मूल अनुबंध समझौते के अनुसार है।”

रेल मंत्री, तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले द्वारा JV कंपनी काइनेट को दिए गए वंदे भारत स्लीपर कोच के टेंडर के संबंध में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने यह भी स्पष्टीकरण मांगा कि क्या 16 कोच वाली 120 ट्रेनों के मूल टेंडर को संशोधित कर 24 कोच वाली 80 ट्रेनों का कर दिया गया है। उन्होंने प्रस्तावित डिजाइन परिवर्तनों आदि के बारे में भी जानकारी ली।

कब शुरू हुई थी पहली वंदे भारत ट्रेन

देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी 2019 को चलाई गई थी। पहली बार यह 100 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से चलाई गई थी। दिल्ली से वाराणसी के बीच सिर्फ 8 घंटे व दिल्ली से प्रयागराज के बीच मात्र 6.8 घंटे में यात्रा कराने वाली इस ट्रेन को तब पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन का नियमित संचालन 17 फरवरी 2019 से हुआ था।

भारतीय रेलवे का ‘मेक इन इंडिया’ प्रयास

“मेक इन इंडिया” विजन को ध्यान में रखते हुए , ट्रेन की प्रमुख प्रणालियों को भारत में ही डिजाइन और निर्मित किया गया है।