Vande bharat Express Train Speed dropped reason: वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारत में रेल यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से दिया है। इस सेमी-हाई-स्पीड टेक्नोलॉजी वाली ट्रेन के साथ देश में एक तरह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नए युग की शुरुआत हुई है। इस अल्ट्रा-मॉडर्न ट्रेन ने ना केवल यात्रियों का अनुभव बेहतर किया है बल्कि देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में भी योगदान दिया है।
चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) में बनाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर दौड़ने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। हालांकि, पिछले कुछ समय के दौरान इसकी ऑपरेशनल स्पीड में आई कमी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।
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ये चिंताएं तब सामने आईं जब कई संसद सदस्यों ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से ट्रेन की उच्च गति क्षमता के बावजूद कम औसत गति के कारणों के बारे में सवाल किया। इन सांसदों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि ट्रेन अपनी ऑप्टिमल स्पीड से चले, सरकार की योजनाओं, समय-सीमा और रणनीतियों पर अपडेट भी मांगा।
इन प्रश्नों का जवाब देते हुए, वैष्णव ने बताया कि ट्रेन की स्पीड, न केवल रोलिंग स्टॉक से बल्कि उसके मार्ग के ट्रैक बुनियादी ढांचे से भी प्रभावित होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे पटरियों को अपग्रेड करने और सुधार लाने पर काम किया जा रहा है और भारतीय रेलवे में एक सतत प्रक्रिया है।
वैष्णव ने कहा, “2014 में, केवल लगभग 31,000 किमी ट्रैक की गति क्षमता 110 किमी प्रति घंटे और उससे ज्यादा थी, जिसे वर्तमान में लगभग 80,000 किमी तक सुधार दिया गया है।”
मौजूदा समय में देश भर में 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं ऑपरेट की जा रही हैं, जो 15 फरवरी, 2019 को अपनी शुरुआत के बाद से पूरी क्षमता के साथ चल रही हैं। भारत की सबसे तेज़ ट्रेन के रूप में, इसने स्पीड और एफिशिएंसी में शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस दोनों को पीछे छोड़ दिया है।