Budget 2025 FM Nirmala Sitharaman Speech Highlights Updates (आम बजट 2025-26 हाईलाइट्स):वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी 2025) को मोदी 3.0 का यूनियन बजट (Union Budget) पेश कर दिया है। मोदी 3.0 सरकार का यह दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के बाद 23 जुलाई 2024 को सरकार ने अपना पहला आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट है। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार 6 बजट पेश किए थे।
Budget 2025 Announcement | Railway Budget 2025 Highlights
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में एक तरफ मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने की घोषणा की, वहीं दूसरी तरफ अगली पीढ़ी के सुधारों को खाका पेश किया है। उन्होंने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। साथ ही कर स्लैब में भी बदलाव किया गया है।
Income Tax Slabs and Rates 2025 : Check Here
New Income Tax Slab
| इनकम | टैक्स रेट |
| 0-4 लाख तक की इनकम पर टैक्स | Nil (कोई टैक्स नहीं) |
| 4-8 लाख की इनकम पर टैक्स | 5 प्रतिशत |
| 8-12 लाख की इनकम पर टैक्स | 10 प्रतिशत |
| 12-16 लाख की इनकम पर टैक्स | 15 प्रतिशत |
| 16-20 लाख की इनकम पर टैक्स | 20 प्रतिशत |
| 20-24 लाख की इनकम पर टैक्स | 25 प्रतिशत |
| 24 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स | 30 प्रतिशत |
संसद पहुंची बजट की कॉपियां। काले कपड़े में बंधी बजट कॉपियां संसद परिसर में, 11 बजे पेश होगा देश का बजट
#WATCH | Delhi | Copies of #UnionBudget2025 are brought to parliament as Union Finance minister Nirmala Sitharaman will today table her 8th Union Budget for the fiscal year 2025-26, in Lok Sabha pic.twitter.com/nMeRBx2v15
— ANI (@ANI) February 1, 2025
बजट में उपभोग आधारित विकास सरकार के एजेंडे में रहने की संभावना है
वित्त मंत्री घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा कर सकती हैं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंचीं। वह आज संसद में #unionbudget2025 पेश करेंगी।
#WATCH | Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman arrives at the Ministry of Finance. She will present #UnionBudget2025 at the Parliament today. pic.twitter.com/T59lxfo5YT
— ANI (@ANI) February 1, 2025
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आवास से रवाना हुईं। वह आज संसद में #unionbudget2025 पेश करेंगी।
#WATCH | Delhi: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman leaves from her residence. She will present #UnionBudget2025 at the Parliament today. pic.twitter.com/kcf4aEZz0h
— ANI (@ANI) February 1, 2025
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी वित्त मंत्रालय पहुंचे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में बजट पेश करेंगी।
#WATCH | #UnionBudget2025 | Delhi: MoS Finance Pankaj Chaudhary arrives at the Ministry of Finance. Union Finance Minister Nirmala Sitharaman will present Budget in the Parliament today. pic.twitter.com/ZwQxQQs0jt
— ANI (@ANI) February 1, 2025
आज सबकी निगाहें बजट 2025 पर टिकी हैं। पिछले कुछ सालों से टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं हुआ है। और मिडिल क्लास को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उन्हें राहतदेंगी। बता दें कि अभी 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है। और इस बार टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि 25 प्रतिशत का नया टैक्स स्लैब पेश किया जा सकता है।
बजट 2025 पर टैक्सपेयर्स की नजरें टिकी हैं. पिछले कुछ सालों में मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ बढ़ता गया है. FY21 में जहां इंडिविजुएल टैक्स कलेक्शन
क्या है टैक्सपेयर्स की मांग
5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं (अभी रुपये 3 लाख तक छूट है)
5–10 लाख रुपये पर 10% टैक्स
10–20 लाख रुपये पर 20% टैक्स
20 लाख रुपये से ऊपर 30% टैक्स
अगर वित्त मंत्री इन मांगों को मान लेती हैं तो 25 लाख रुपये कमाने वाला शख्स 1.5 रुपये लाख रुपये तक बचा सकता है और मिडिल क्लास को इससे बड़ी राहत मिल सकती है।
गौर करने वाली बात है कि साल 2017 से बजट पेश करने की तारीख बदली गई और इसे 1 फरवरी कर दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया कि सरकार मार्च के आखिर तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके। आमतौर पर पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम 5 बजे बजट पेश होता था। साल 1999 में बजट के समय में बदलाव किया गया। और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश करने की परंपरा शुरु की। तभी से हर बार बजट संबोधन सुबह 11 बजे शुरु होता है।
वहीं अगर आप बजट डॉक्युमेंट्स को देखना चाहते हैं तो इसे भी देख सकते हैं। बजट पेश होने के बाद केंद्र सरकार के आधिकारिक पोर्टल indiabudget.gov.in पर डॉक्युमेंट्स अपलोड कर दिए जाएंगे, जिसे आम लोग भी एक्सेस कर सकेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में देश का आम बजट पेश करेंगी। मोदी 3.0 का यह दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले 23 जुलाई 2024 को पहला पूर्ण बजट पेश किया गया था।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में प्रयासों को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) को उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय में कम-से-कम 20 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। ईवाई इंडिया में मुख्य नीतिगत सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बीच आगामी बजट में राजकोषीय संयम को वृद्धि उपायों के साथ संतुलित करना चाहिए। डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि केंद्र सरकार राजकोषीय समेकन के रास्ते पर टिके रहकर और लोकलुभावन उपायों से दूर रहकर व्यापक स्थिरता को प्राथमिकता दे सकती है। (भाषा)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी जिसमें महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर दरों/स्लैब में कटौती या बदलाव की उम्मीद की जा रही है। वित्त मंत्री राजकोषीय घाटे को कम करने के मसौदे पर टिके रहते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय भी कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान के लिए धन की देवी का आह्वान करने के बाद आयकर में राहत मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। खासकर निम्न मध्यम वर्ग को बजट में कुछ राहत मिल सकती है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि पहली तिमाही के आंकड़े निजी खपत में उल्लेखनीय वृद्धि और निवेश गतिविधि में मामूली सुधार की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव संपन्न होने के साथ अनुमान है कि सरकारी खर्च बढ़ेगा, जिससे आगामी तिमाहियों में वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025 में इनकम टैक्स स्लैब से जुड़े बड़े बदलाव का ऐलान कर सकती हैं। उम्मीद की जा रही है कि नए टैक्स रिजीम के तहत 10 लाख तक आय टैक्स फ्री हो सकती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक गति से काम हो रहा है तथा अर्थव्यवस्था को ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ (नीतिगत पंगुता) जैसी परिस्थितियों से उबारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई गई है।
अगर सरकार का अनुमानित खर्च उसकी कमाई से अधिक रहने का लेखा जोखा पेश किया जाए तो इसे घाटे का बजट कहा जाता है। इस प्रकार का बजट भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे उपयुक्त है। मंदी के समय विशेष रूप से सहायक, घाटे का बजट अतिरिक्त मांग उत्पन्न करने और आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देने में मदद करता है।
सरकार रोजगार दर सुधारने के लिए अत्यधिक खर्च करती है। इसके परिणामस्वरूप वस्तुओं और सेवाओं की मांग में वृद्धि होती है जो अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करती है। सरकार इस राशि को सार्वजनिक उधार (सरकारी बांड जारी करके) या अपने संचित आरक्षित अधिशेष से निकालकर खर्च को कवर करती है।
जब सरकार के खर्च से ज्यादा उसकी आमदनी होती है तो उसे सरप्लस बजट कहते हैं। किसी एक वित्त वर्ष में सरकार के पास अतिरिक्त रकम बचना सरप्लस बजट कहलाता है। इसका मतलब यह है कि किसी वित्त वर्ष में सरकार जितनी रकम खर्च करेगी, टैक्स एवं अन्य स्रोत से उसकी कमाई अधिक रह सकती है। इसका अर्थ यह भी है कि सरकार जनकल्याण के काम पर जितनी रकम खर्च करेगी, उससे अधिक रकम टैक्स से जुटा लेगी। इस तरह का बजट महंगाई नियंत्रित करने के लिए बनाया जाता है।
किसी एक वित्त वर्ष में सरकार की आमदनी और खर्च के आंकड़े बराबर हों तो उसको संतुलित बजट कहा जाता है। बहुत से एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री सरकार से इसी तरह के बजट की उम्मीद करते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि सरकार अपनी आमदनी के हिसाब से ही पैसे खर्च करेगी
बजट को हम इन कैटगरी में बांट सकते हैं – संतुलित बजट, असंतुलित बजट, सरप्लस बजट या डेफिसिट बजट। इसे हम अंतरिम बजट और पूर्ण बजट में भी विभाजित कर सकते हैं। जानकार व अर्थशास्त्री बजट का वर्गीकरण अन्य कई तरीकों से भी करते हैं।
केंद्रीय बजट में पूंजी, राजस्व और व्यय बजट शामिल हैं और यह सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड और रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने के प्राइमरी टारगेट को पूरा करता है, जिसका लक्ष्य सभी के लिए सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने जैसी संवैधानिक जिम्मेदारियों के निष्पादन को सक्षम करते हुए व्यापक आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जो इसके एक दशक के औसत के करीब है। वित्त वर्ष 2024-25 का आर्थिक लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा गया है कि वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए देश को दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी। हालांकि, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को निवेश दर मौजूदा 31 प्रतिशत से बढ़ाकर जीडीपी का 35 प्रतिशत करना होगा और विनिर्माण क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना होगा।
मजबूत व्यापक-आर्थिक बुनियाद के दम पर भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक और विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन की जरूरत होगी। आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह बात कही गई है।
आपको बता दें कि देश का पिछला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश हुआ था। इस बजट को लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पेश किया गया था और यह एक पूर्ण बजट था। चुनावी साल में भारत में आमतौर पर दो बजट पेश किए जाते हैं- एक अंतरिम और एक पूर्ण
यूनियन बजट या आम बजट सरकार के खर्च और कमाई का पूरा लेखा-जोखा है। जिस तरह से आप अपने घर का बजट बनाते हैं कि कितनी इनकम होगी और कितना खर्च होगा और अंत में बचत कितनी होगी। साधारण भाषा में कहा जा सकता है कि बजट आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब है। सरकार और एक आम आदमी के बजट में बेहद मामूली फर्क होता है। आम आदमी सिर्फ अपने घर का बजट बनाता है जबकि सरकार को पूरे देश का बजट बनाना पड़ता है।
स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने 163 साल पहले 1860 में पहला भारतीय बजट पेश किया था। आजादी के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पहला बजट पेश किया था।
देश के ये 5 प्रधानमंत्री पेश कर चुके हैं देश का आम बजट, यहां जानें पूरी डिटेल
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली करीब 7,500 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई। समीक्षा में कहा गया, 13 जनवरी 2025 तक 1.64 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 8,058 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जिनमें 1.50 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 7,479 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून 2015 को इस मिशन की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य 100 चयनित शहरों में कुशल सेवाएं, मजबूत बुनियादी ढांचा और टिकाऊ वातावरण प्रदान कर उनमें जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करना है। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इस मिशन का उद्देश्य टिकाऊ तथा समावेशी शहरों को बढ़ावा देना है, जो बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएं और अपने नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर, स्वच्छ व टिकाऊ वातावरण तथा ‘स्मार्ट’ समाधानों का अनुप्रयोग प्रदान करें।
‘स्मार्ट सिटी’ से तात्पर्य ऐसे शहरों से है जहां पर्याप्त जल व बिजली आपूर्ति, स्वच्छता, भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन, किफायती आवास, मजबूत आईटी संपर्क व डिजिटलीकरण, सुशासन, टिकाऊ पर्यावरण, नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो। (भाषा)
रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-2026 में सकल मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत रहेगी। आईएमएफ ने भारत के लिए 2024-25 में 4.4 प्रतिशत और 2025-26 में 4.1 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर का अनुमान लगाया है।
केंद्र का राजकोषीय घाटा दिसंबर 2024 के अंत तक चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का 56.7 प्रतिशत रहा। महालेखा नियंत्रक (कैग) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वास्तविक रूप में राजकोषीय घाटा (व्यय व राजस्व के बीच का अंतर) अप्रैल-दिसंबर 2024-25 में 9,14,089 करोड़ रुपये रहा। घाटा 2023-24 के बजट अनुमान का 55 प्रतिशत रहा। सीजीए के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का कर राजस्व (शुद्ध) 18.43 लाख करोड़ रुपये या 2024-25 के बजट अनुमान का 71.3 प्रतिशत रहा। गत वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में यह 74.2 प्रतिशत था।
केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय आंकड़ों के अनुसार, कुल व्यय 32.32 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 67 प्रतिशत है। एक साल पहले समान अवधि में यह बजट अनुमान का 67.8 प्रतिशत था। केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर लाने का अनुमान लगाया है। 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये तक सीमित रखना है। (भाषा)
पीएम मोदी ने महिलाओं की गरिमा स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया, जो सत्तारूढ़ भाजपा के कल्याणकारी उपायों के केंद्र में रही हैं। नवोन्मेष, समावेशिता और निवेश को देश की आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार करार देते हुए मोदी ने कहा कि इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वे राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘विशेषकर नारी शक्ति के गौरव को पुन: प्रस्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर के हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, उसको भी समान अधिकार मिले, उस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।’’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन में गरीबों और मध्यम वर्ग पर केंद्र सरकार के ध्यान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज, राष्ट्र गरीबों, मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं और किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए असाधारण गति से लागू किए जा रहे प्रमुख निर्णयों और नीतियों का गवाह बन रहा है।’’
