भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल टावरों के विकिरण से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि उसके द्वारा किए गए अध्ययनों से ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।

ट्राई के सलाहकार एस के गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 300 टावर है और ट्राई द्वारा किए गए अध्ययनों से साफ है कि इनमें किसी तरह के रेडिएशन का पता नहीं चला है।

कॉल ड्राप और कमजोर सिग्नल की समस्या के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी वजह टावर का नहीं होना है। जब ऐसे क्षेत्रों में टावर लग जाएंगे तो यह समस्या दूर हो जाएगी।

इस बीच, प्रमुख दूरसंचार आपरेटरों ने दिल्ली में तीन नगर निगमों द्वारा मोबाइल टावरों को सील किए जाने के मुद्दे पर दूरसंचार विभाग व भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से हस्तक्षेप करने की मांग की है। आपरेटरों का कहना है कि इस एक तरफा कार्रवाई से कॉल ड्रॉप की समस्या बढ़ रही है।

देश की छह प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने एक संयुक्त पत्र में कहा है, प्रत्येक 40 साइटों को सील किए जाने पर कॉल ड्रॉप में औसतन 20 प्रतिशत का इजाफा होता है। पिछले दो दिनों में नगर निगम ने दिल्ली भर में 16 साइटों को सील किया है। पिछले महीने 70 साइटें सील की गई थीं।

यह संयुक्त पत्र भारती एयरटेल के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं सीईओ गोपाल विटटल, वोडाफोन इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक सुनील सूद, आइडिया सेल्युलर के हिमांशु कपानिया, रिलायंस कम्युनिकेशंस के सीईओ (उपभोक्ता कारोबार) गुरदीप सिंह, सिस्तेमा श्याम के सीईओ सर्गेई सावचेंको तथा टाटा टेलीसर्विसेज के प्रबंध निदेशक एन श्रीनाथ ने लिखा है।