मोटर वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा मोटर ने ग्राहकों को एक झटका दिया है। बुधवार को कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा कि जुलाई महीने में 50,000 वाहनों के उत्पादन में कटौती करेगी। हालाकि कंपनी अभी भी 800,000 वाहन का निर्माण कर सकती है। कंपनी ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी और COVID-19 मामलों में स्पाइक के कारण ऐसा फैसला लिया गया है।
जापानी कार निर्माता कंपनी टोयोटा ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी और कोविड-19 के प्रसार के कारण ज्याद प्रोडक्शन कर पाना मुश्किल है। इसलिए संभावना है कि उत्पादन योजना कम हो सकती है। कंपनी के 50 हजार वाहनों के निर्माण में कटौती के फैसले से वाहनों के लिए ग्राहकों को इंतजार करना पड़ सकता है। हालाकि, टोयोटा ने 9.7 मिलियन वाहनों के अपने वार्षिक वैश्विक उत्पादन लक्ष्य को अपरिवर्तित रखा है।
कोरोना का पड़ा था असर
कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन लगाया गया था। इस कारण से वाहनों के निर्माण और बिक्री पर भी इसका बुरा असर पड़ा था। वहीं सप्लाई चेन में रुकावट की स्थिति भी पैदा हुई थी। इसके बाद कार निर्माता कंपनियां सबसे बड़ी समस्या सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही हैं। इसके अलावा ऑटोमेकर्स को अन्य निर्माताओं जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस निर्माताओं के साथ सीमित सेमीकन्डक्टर आपूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
करीब 10 मिलियन वाहन निर्माण का लक्ष्य
गौरतलब है कि कंपनी ने 9.7 मिलियन वाहन निर्माण का लक्ष्य रखा था, जिसे लेकर कंपनी ने मई के दौरान ही संकेत दिया था कि विश्व स्तर पर करीब 97 लाख वाहनों का निर्माण की जा सकती है। बता दें कि ऑटोमेकर ने बुधवार को जापान में अगले महीने अपने जीआर यारिस सबकॉम्पैक्ट और bZ4X इलेक्ट्रिक एसयूवी सहित वाहन बनाने वाले प्लांट में उत्पादन का विस्तार किया था।
4,800 करोड़ रुपए का निवेश
कुछ दिन पहले टोयोटा ने कहा कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के स्थानीय स्तर पर उत्पादन के लिए कर्नाटक में लगभग 4,800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स (टीकेएपी) के साथ मिलकर 4,100 करोड़ रुपए लगाएगी। इसके अलावा अन्य कंपनी टोयोटा इंडस्ट्रीज इंजन इंडिया (टीआईईआई) 700 करोड़ का निवेश करेगी।