अडानी समूह (Adani Group) के संस्थापक गौतम अडानी ने अमेरिकी उद्यमी और ई-कॉर्मस वेबसाइट अमेजन (Amazon) के फाउंडर जेफ बेजोस को कमाई के मामले में पीछे छोड़ दिया है। वह विश्व के अरबपतियों की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। लेकिन उन्हें और समूचे ग्रुप को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी टीम और विश्वसनीय सिपाहसलारों का भी अहम योगदान है। यूं तो उनकी टीम में एक से एक धुरंधर हैं, पर अडानी विल्मर की कमान अंग्शु मलिक के पास है।
मौजूदा समय में वह अडानी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmar Ltd) के सीईओ हैं, जो कि अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर के बीच का ज्वॉइंट वेंचर है। यह रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली जरूरत की चीजों जैसे खाद्य तेल, गेहूं का आटा, चावल, दाल और शक्कर आदि में डील करता है। कंपनी इसके साथ ही इंडस्ट्रियल क्षेत्र में काम आने वाले जरूरत की चीजों में भी डील करती है। भारत में अभी इसके 22 प्लांट्स हैं।
साल 1999 में इसकी स्थापना के बाद से अडानी विल्मर का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने उप-महाप्रबंधक के पद से आगे बढ़ते हुए कंपनी में वर्तमान पद हासिल किया। उन्होंने लॉन्च के महज 20 महीनों के भीतर फॉर्च्यून (Fortune) को भारत के नंबर-एक खाद्य तेल ब्रांड के रूप में उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मेहनत, नजरिए और काम के तरीके ने यह सुनिश्चित किया कि फॉर्च्यून ने आज तक अपनी नेतृत्व स्थिति को बनाए रखा है।
अडानी विल्मर के तहत आने वाले फॉर्च्यून एडिबल ऑइल और फूड्स के तहत आज विभिन्न तरह के सामान आने लगे हैं, जिनमें रेडी टू कुक जैसे आइटम भी शामिल हैं। कंपनी अब इम्युनिटी ऑइल, ग्राउंटनट ऑइल, राइस ब्रान हेल्थ ऑइल, सोया हेल्थ ऑइल, सूजी, सोया चंक, बेसन, मैदा, रवा, बनी बनाई खिचड़ी (रेडी टू ईट वाली) आदि बेचती है।
अडानी विल्मर में शामिल होने से पहले वह धारा (Dhara) में संचालन के प्रमुख के रूप में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से जुड़े थे। इससे पहले, उन्होंने गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल), आनंद के साथ सेल्स, मार्केटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और एक्सपोर्ट में काम किया। मलिक ने इसके अलावा हरियाणा के करनाल से राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान से डेयरी प्रौद्योगिकी में बैचलर्स और ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (आईआरएमए) से ग्रामीण प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा किया है।
