वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते हुए भाजपा सांसद ने इस कंपनी खड़ी करने के मामले में कोई मंजूरी नहीं लेने के मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जीएसटीएन पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा स्थापित कंपनी है। जीएसटी के लिए ऑनलाइन प्रौद्योगिकी ढांचे का संचालन यही करेगी। स्वामी ने ट्वीट किया कि वित्त मंत्री ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दिए जवाब में इस बात को स्वीकार किया है कि जीएसटी नेटवर्क स्थापित करते समय किसी तरह की सुरक्षा मंजूरी नहीं ली गई, जबकि इसे संवेदनशील सूचनाओं को देखना है। उन्होंने कहा, ‘वित्त मंत्रालय ने आरटीआई के जरिए स्वीकार किया है कि जीएसटीएन के लिए किसी तरह की सुरक्षा मंजूरी नहीं ली गई। पीसी पर इसके लिए कार्रवाई होनी चाहिए।’

पिछले महीने स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटीएन में बहुलांश हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के पास होने का विरोध किया था। जीएसटीएन को जीएसटी का लेखा और संग्रहण का नियंत्रण करना है। स्वामी ने कहा था कि जीएसटीएन का मौजूदा ढांचा राष्ट्र विरोधी है और इसे सरकार के स्वामित्व वाले ढांचे से बदला जाना चाहिए। सरकार की जीएसटीएन में 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि राज्य सरकारों के पास इसकी 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी गैर सरकारी वित्तीय संस्थानों मसलन एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के पास है।