भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 69 प्रतिशत बढ़कर 8,889.84 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने 5,245.88 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान एसबीआई समूह की कुल आय बढ़कर 1,01,143.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 95,373.50 करोड़ रुपये थी।
एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ तिमाही के दौरान 67 प्रतिशत के उछाल के साथ 7,627 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,574.16 करोड़ रुपये था। बैंक ने अपना सबसे ऊंचा तिमाही शुद्ध लाभ अर्जित किया है। तिमाही के दौरान बैंक का परिचालन लाभ 9.84 प्रतिशत बढ़कर 18,079 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 16,460 करोड़ रुपये था।
एकल आधार पर बैंक की कुल आय बढ़कर 77,689.09 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 75,341.80 करोड़ रुपये थी। समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ। बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कुल ऋण पर घटकर 4.90 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान अवधि में 5.28 प्रतिशत थीं।
इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 1.59 प्रतिशत से घटकर 1.52 प्रतिशत रह गया। इससे बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान उल्लेखनीय रूप से घटकर 2,699 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 5,619 करोड़ रुपये था। बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन सालाना आधार पर 0.16 प्रतिशत बढ़कर 3.50 प्रतिशत पर पहुंच गया।
उधर, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का शुद्ध लाभ सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 25 प्रतिशत घटकर 235 करोड़ रुपये रह गया। आवास वित्त कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 313 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रवर्तित पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 4,000 करोड़ रुपये की तरजीही निर्गम योजना को छोड़ दिया है। तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध ब्याज मार्जिन तीन प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले समान तिमाही में 3.5 प्रतिशत था। कंपनी ने बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी शुद्ध ब्याज आय 23 प्रतिशत घटकर 651 करोड़ रुपये से 503 करोड़ रुपये रह गई।
