Stock Market Crash: शेयर बाजार में आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स आज यानी 30 अक्टूबर 2025 को लाल निशान पर बंद हुए। सेंसेक्स आज 592.67 अंक की गिरावट के साथ 84,404.46 अंक के आस-पास बंद हुए। वही, निफ्टी 176.05 अंक की गिरावट के साथ 25,877.85 अंक के आस-पास बंद हुए।
सेंसेक्स की शामिल कंपनियों का हाल
सेंसेक्स की कंपनियों में से भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट देखी गई। दूसरी तरफ, लार्सन एंड टुब्रो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और मारुति के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बुधवार को 2,540.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 5,692.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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एशिया के अन्य बाजारों का हाल
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59% गिरकर 64.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बुधवार को सेंसेक्स 368.97 अंक चढ़कर 84,997.13 अंक और निफ्टी 117.70 अंक बढ़कर 26,053.90 अंक पर बंद हुआ था।
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फॉर्मा कंपनियों के शेयरों में दबाव
दवा कंपनियों के शेयरों में आज के कारोबार में भारी गिरावट देखी गई। डॉ रेड्डीज़ के शेयर लगभग 5% गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, क्योंकि उन्हें कनाडा के फार्मास्युटिकल ड्रग्स निदेशालय से सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन के लिए एएनडीएस (ANDS) नियमों का पालन न करने का नोटिस मिला है। नोटिस में प्रस्तुतीकरण के कुछ खास हिस्सों पर स्पष्टीकरण का अनुरोध किया गया है।
ट्रम्प-शी बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई अहम बैठक में आखिरकार टैरिफ से जुड़ा बड़ा फैसला ले लिया गया है। बैठक के बाद, ट्रंप ने घोषणा की कि वह चीन पर लगाए गए टैरिफ (शुल्क) को तुरंत प्रभाव से 10% तक घटा रहे हैं यानी अब मौजूदा 57% से घटकर टैरिफ 47% रह गया है।
रुपया में दबाव
अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के निवेशकों को आश्वस्त करने में विफल रहने के बाद एशियाई मुद्राएं दबाव में हैं। मार्केट ऑब्जर्वर के अनुसार, करेंसी ट्रेडर्स, विशेष रूप से ट्रम्प के रुख में बदलाव को लेकर आशंकित हैं और इस तथ्य को लेकर भी आशंकित हैं कि इससे टैरिफ की धमकियां फिर से भड़क सकती हैं और जोखिम-मुक्त भावना को बढ़ावा मिल सकता है।
रुपया और गिरकर 88.50 डॉलर के स्तर के करीब पहुंच गया है, जबकि डॉलर सूचकांक अब 99 के स्तर पर मंडरा रहा है। यह डॉलर सूचकांक का एक महीने से ज्यादा समय में उच्चतम स्तर है। पिछले एक महीने में यह 1% से अधिक बढ़ा है।
