माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तनातनी का माहौल है। ट्विटर पर ही Twitter को बैन करने की मांग उठाई जा रही है। इसके लिए #BanTwitterInIndia की मांग की जा रही है।

इस बीच, ट्विटर के देसी वर्जन Koo पर निवेशकों ने भरोसा दिखाया है। देसी प्लेटफॉर्म Koo ने टाइगर ग्लोबल के नेतृत्व में 30 मिलियन डॉलर (लगभग 218 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। Koo की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस फंड राइजिंग में मौजूदा निवेशकों एक्सेल पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा नए निवेशकों के तौर पर आईआईएफएल और मिराए एसेट्स सामने आए हैं।

इस साल फरवरी में कंपनी ने कहा था कि एक्सेल, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स – ड्रीम इन्क्यूबेटर्स और थ्रीवनफोर कैपिटल से सीरिज ए फंडिंग में 41 लाख डॉलर जुटाए थे। कंपनी ने अलग-अलग वित्तीय भागों से करीब एक करोड़ डॉलर का कुल वित्त जुटाया है।

क्यों अहम है फंडिंग: यह निवेश ऐसे वक्त में जुटाया गया है, जब देश में सोशल मीडिया ट्विटर के खिलाफ मुहिम चल रही है। एक बहुत बड़े वर्ग ने ट्विटर को बैन करने की मांग की है। वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ट्विटर से संबंधित कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले की जांच भी कर रही है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस की टीम दिल्ली और गुड़गांव स्थित ट्विटर के दफ्तर पहुंची।

इसके अलावा ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए आईटी नियम लागू होने वाले हैं। इन नए नियमों की वजह से भी पहले से लोकप्रिय फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मुसीबत बढ़ी है।

हालांकि, पिछले सप्ताह कू ने बताया था कि उसने नए नियमों को लागू कर लिया है। कंपनी के मुताबिक उसकी गोपनीयता नीति, उपयोग की शर्तें और सामुदायिक दिशानिर्देश अब नए नियमों के अनुरूप हैं। कू ने इस माह की शुरुआत में कहा था कि अगले एक साल के दौरान वह अपने कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करेगी।

Koo ऐप की कब हुई शुरुआत: बता दें कि Koo ऐप के संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णा और मयंक बिदवतका हैं। इस ऐप की शुरुआत साल 2020 में हुई थी। इस ऐप पर केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना अकाउंट बना लिया है। (ये पढ़ें—पीएफ अकाउंट के ये हैं 4 बड़े फायदे)

इसके अलावा फिल्मी हस्तियों और बड़े सेलिब्रेटी ने भी अकाउंट बनाए हैं। इस ऐप को 6 मिलियन से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। ये ऐप अंग्रेजी और हिंदी के अलावा मराठी, तमिल और कन्नड़ जैसी अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध है। (ये पढ़ें-जानिए PF अकाउंट में बैलेंस चेक करने का तरीका)