सीबीआइ ने नहारपुर में अवैध निर्माण की इजाजत देने के एवज में दो व्यक्तियों (पिता-पुत्र) से 50,000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में दिल्ली सरकार के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को गिरफ्तार किया है। सीबीआइ ने कल देर रात इस रिश्वतखोरी को लेकर सरस्वती विहार के एसडीएम राहुल अग्रवाल को दलाल संदीप, बिल्डर विजेंद्र और अश्विनी यादव को गिरफ्तार किया। राहुल अग्रवाल दिल्ली, अंडमान-निकोबार द्वीप सिविल सेवा (दानिक्स) के 2012 बैच के अधिकारी हैं।

एजेंसी ने पीतमपुरा में अग्रवाल के निवास की तलाशी ली। वहां सीबीआइ टीम को अग्रवाल की पत्नी से भी जूझना पड़ा जिसने इस टीम को फ्लैट में घुसने से रोका। उसने हीरे का अपना गहना छत पर फेंक दिया। काफी मशक्कत के बाद टीम अंदर जा पायी। टीम को पानी के टैंक के पास ये बेशकीमती चीजें मिलीं, जिन्हें फेंक दिया गया था।

तलाशी पर लगभग पांच लाख की नकद राशि और कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो अपराध की पुष्टि करते हैं। सीबीआइ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि अधिकारी कथित रूप से बैंक्वेट हॉल, निजी इमारतों के मालिकों और सरकारी जमीन पर कब्जा या अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किया करता था और दलाल के माध्यम से पैसे वसूल कर मामले का निपटारा करता था। ऐसे ही एक मामले में एसडीएम पर दो लोगों (पिता-पुत्र) से रिश्वत मांगने का आरोप है, ये पिता-पुत्र नहरपुर गांव में दुकान का निर्माण कर रहे थे।

सीबीआइ ने दलाल संदीप को 50,000 रुपए का घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा लिया। उसने यह बात स्वीकार की है कि व संदीप के लिए काम करता है। एसडीएम के साथ दलाल के घर से भी 1.5 लाख रुपए की नकद राशि और कुछ सरकारी फाइलें जब्त की गई हैं। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को शुक्रवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया।