कोरोना के इस संकट के दौर में वर्क फ्रॉम होम ‘न्यू नॉर्मल’ हो चला है। माना जा रहा है कि इस संकट के बाद भी कंपनियां लागत में कमी को देखते हुए इस पॉलिसी को जारी रख सकती हैं। इसके चलते आने वाले दिनों में सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। फिलहाल ट्रैवल कन्वेंस सैलरी के रिइंबर्समेंट का बड़ा हिस्सा है, लेकिन भविष्य में यह वेतन से गायब हो सकता है। पेमेंट स्टार्टअप्स Zaggle के फाउंडर राज एन. फानी ने कहा कि भविष्य में परफॉर्मेंस और प्रोजेक्ट डिलिवरी को सैलरी के साथ जोड़ा जा सकता है। वाई-फाई अलाउंस, होम ऑफिस फर्नीचर अलाउंसेज को अब न्यू नॉर्मल हो सकते हैं।
जानकारों के मुताबिक कंपनियां सैलरी में वैरिएबल के पार्ट को बढ़ा सकती है। खासतौर पर मिडिल और सीनियर मैनेडमेंट लेवल के एंप्लॉयीज के लिए इस पर विचार चल रहा है। दरअसल इसके जरिए कंपनियों की यह रणनीति है कि ज्यादातर हिस्से को परफॉर्मेंस से लिंक कर दिया जाए। दरअसल इसकी एक वजह यह भी है कि इस संकट के दौर में कंपनियां मासिक सैलरी के हिस्से को कम करके कैश बढ़ाना चाहती हैं। इसलिए सैलरी के स्ट्रक्चर में वैरिएबल को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि बड़े कॉरपोरेट घरानों के कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में अब तक कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन रिइंबर्समेंट में बदलाव हो सकता है।
कई कंपनियां रिइंबर्समेंट में इजाफा कर रही हैं और इंटरनेट कनेक्शन के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। यही नहीं कंपनियों की ओर से लैपटॉप आदि की खरीद के लिए ईजी लोन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौर में काम के अनुभव को देखते हुए अब कंपनियां डिजिटाइजेशन की ओर कदम बढ़ा रही हैं और अपना समय एवं धन इसी दिशा में खर्च कर रही हैं। बता दें कि ट्विटर ने अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम ऑफिस को वैकल्पिक कर दिया है और चाहें तो हमेशा घर से ही काम कर सकते हैं।
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