Reliance Industries, Mukesh Ambani, Anil Ambani: हाल ही में दो दशक पुराने कथित शेयर अनियमितता के मामले को लेकर अंबानी परिवार पर जुर्माना लगा है। ये जुर्माना बाजार नियामक सेबी की ओर से लगाया गया है। अब इसके खिलाफ रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपील करेंगे। ये जानकारी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को दी है।

क्या है मामला: यह मामला तबका है जब धीरुभाई अंबानी रिलायंस का नेतृत्व कर रहे थे। तब रिलायंस समूह का बंटवारा नहीं हुआ था। दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने 1994 में परिवर्तनीय वारंट के साथ डिबेंचर जारी किये थे और इन वारंट के एवज में साल 2000 में इक्विटी शेयर आवंटित किये। सेबी के मुताबिक रिलायंस के प्रमोटर्स और संबंधित अन्य लोगों ने साल 2000 में कंपनी में 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदी थी, जो नियमों का उल्लंघन है।

इस मामले में सेबी को सही ढंग से जानकारी भी नहीं दी गई। सेबी ने इस मामले में फरवरी 2011 में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस उस समय के प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह को शेयरों के अधिग्रहण के 11 साल बाद जारी किया गया। इसमें सेबी के अधिग्रहण नियमन का उल्लंघन किये जाने का आरोप लगाया गया। (ये पढ़ें—मित्तल और अंबानी की कंपनी के बीच हुई डील!)

अब आया फैसला: कारण बताओ नोटिस जारी करने के करीब 10 साल बाद अब फैसला किया गया है। ये फैसला शेयर अधिग्रहण के 21 साल बाद आया है। इसमें उस समय के कंपनी के प्रवर्तकों पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

उस समय रिलायंस का बंटवारा नहीं हुआ था। इसीलिए अनिल अंबानी और उनकी पत्नी पर भी यह जुर्माना लगाया गया है। आपको बता दें कि मुकेश और अनिल के बीच बंटवारा साल 2005 में हुआ था। (ये पढ़ें—अनिल अंबानी का कारोबार चला रहे अडानी)

नई तैयारी में रिलायंस इंडस्ट्रीज: इस बीच, मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज अब पेमेंट सर्विसेज कंपनी की तैयारी में जुटी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ने ‘न्यू अंब्रेला एंटिटी’ (NUE) को प्रस्तावित किया है। NUE के जरिए रिलायंस ग्लोबल पेमेंट्स कंपनी बनने की योजना बना रही है।

इसमें फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां भी सहयोगी होंगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की इसमें 40 फीसदी हिस्सेदारी हो सकती है। बाकि तीन कंपनियों की 20-20 फीसदी हिस्सेदारी रह सकती है। अगर सबकुछ सही रहा तो आने वाले वक्त में रिलायंस की वजह से वीजा और मास्टरकार्ड जैसे दिग्गजों की टेंशन बढ़ेगी।