भले ही अनिल अंबानी कर्ज के जाल में फंसे हों लेकिन कुछ सालों पहले तक उनके रिलायंस ग्रुप के कंपनियों की तूती बोलती थी। अनिल अंबानी की इन कंपनियों में से एक रिलायंस कम्युनिकेशंस भी है।
टेलीकॉम इंडस्ट्री में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपना एक दबदबा बनाया था। ये दक्षिण अफ्रीका की कंपनी एमटीएन से डील भी करने वाली थी। हालांकि, इस डील पर मुकेश अंबानी ने अड़ंगा लगा दिया। मुकेश अंबानी ने एक ऐसा दांव खेला कि डील नहीं हो सकी। आइए जानते हैं पूरे मामले को..
क्या था मामलाः साल 2008 के आसपास अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशंस का दक्षिण अफ्रीका की टेलीकॉम कंपनी ‘एमटीएन’ के साथ विलय करना चाहते थे। अनिल अंबानी चाहते थे कि आरकॉम में अपने शेयरों का एक बड़ा हिस्सा एमटीएन को दे देंगे और इसके बदले उन्हें इस दिग्गज कंपनी में कुछ हिस्सेदारी मिल जाएगी। ( ये पढ़ें-रातोंरात अनिल अंबानी से आगे निकल गए थे राधाकिशन दमानी, अब इतनी है दौलत)
अगर ऐसा हो जाता तो नतीजे में बनने वाली कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शुमार हो जाती। करीब 70 बिलियन डॉलर की ये डील आखिरी पड़ाव पर थी कि तभी अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी का तर्क था कि अपने भाई अनिल अंबानी की कंपनी के एक हिस्से को खरीदने का पहला अधिकार उन्हें है। मुकेश अंबानी के मुताबिक एक परिवारिक समझौते में उनके इस अधिकार का उल्लेख है, जबकि अनिल अंबानी ने कहा था कि पारिवारिक समझौते को कभी मंजूर किया ही नहीं गया था।
बिजनेस को समेटना पड़ाः हालांकि, इसके बाद से ही रिलायंस कम्युनिकेशंस की हालत पतली होती चली गई और कुछ सालों बाद अनिल अंबानी को रिलायंस कम्युनिकेशंस के कारोबार को समेटना पड़ा। साल 2017 में अनिल अंबानी ने कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर पैसा पीने वाला कारोबार बन चुका है। यहां सिर्फ वही बने रह सकते हैं जिनकी जेबें भरी हों।
इस दौरान अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई के टेलीकॉम कारोबार पर भी निशाना साधा था। आपको बता दें कि साल 2016 में रिलायंस जियो ने टेलीकॉम में एंट्री ली थी। शुरुआती कई महीनों तक रिलायंस जियो ने ग्राहकों को फ्री कॉलिंग और डाटा की सुविधा दी। हालात बदलने लगे तो मजबूरन दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को भी इस प्राइस वॉर में आना पड़ा। (ये पढ़ें-कोरोना काल में Amazon की चांदी, यहां मुकेश अंबानी के रिलायंस की बढ़ाई है टेंशन)
वहीं, कई टेलीकॉम कंपनियों ने या तो अपना कारोबार समेट लिया या फिर विलय कर लिया। वर्तमान में देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया हैं।