Ratan Tata Net Worth: रतन टाटा ने 9 अक्टूबर की देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया। टाटा ग्रुप के मुखिया, जाने-माने उद्योगपति और समाजसेवी रतन नवल टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आधिकारिक बयान जारी कर रतन टाटा के निधन की पुष्टि कर दी है। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों और सफलता पर पहुंचाया। हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई करने वाले रतन टाटा ने 1961 में टाटा ग्रुप ज्वॉइन किया था। रतन टाटा ने अपनी कमाई का 65 प्रतिशत हिस्सा दान कर दिया था। अपने पीछे रतन टाटा एक लंबा-चौंड़ा साम्राज्य छोड़ गए हैं। आपको बताते हैं रतन टाटा की नेट वर्थ, कारोबार और निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ बड़ी बातों के बारे में।
-रतन टाटा का जन्म 1937 में जाने-माने पारसी टाटा परिवार में हुआ।
-उनके पिता नवल टाटा और मां सूनी टाटा थीं।
-कम उम्र में ही उन्होंने अपने पारिवारिक बिजनेस की बागडोर संभाली।
-उन्होंने मशहूर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने Cornell University से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन किया है।
4 बार शादी की घड़ी आई थी नजदीक, लेकिन…क्यों जिंदगी भर कुंवारे रह गए रतन टाटा, खुद बताई थी वजह
-रतन टाटा ने 1962 में टाटा ग्रुप ज्वॉइन कर लिया था और धीरे-धीरे अपने हुनर व ग्रुप में मिलने वाले अलग-अलग एक्सपीरियंस की बदौलत उन्होंने तरक्की हासिल की। इस वक्त वह जमशेदपुर की टाटा स्टील फैक्ट्री में बतौर असिस्टेंट काम करते थे।
-1991 में उन्हें Tata Group की होल्डिंग कंपनी Tata Sons का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
- – रतन टाटा के जीवन में सबसे बड़ी उपलब्धि उस वक्त आई जब उन्होंने ब्रिटेन की तीन कंपनियों- Tetley, Corus, Jaguar का अधिग्रहण किया। इन डील के साथ रतन टाटा ने ना केवल टाटा ग्रुप बल्कि भारत को भी दुनिया में बिजनेस जगत में एक नई पहचान दिलाई।
-1996 में क्रान्तिकारी फैसला लेते हुए रतन टाटा ने टेलिकॉम बिजनेस में कदम रखा और टाटा टेलिसर्विसेज की शुरुआत हुई।
- – साल 1998 में रतन टाटा ने भारत की पहली स्वदेशी मेड इन इंडिया पैसेंजर कार टाटा इंडिका (Tata Indica) लॉन्च की। अपनी आइकॉनिक डिजाइन और किफायती दाम के चलते टाटा इंडिया ने भारत में खूब लोकप्रियता पाई और टाटा मोटर्स को एक नया मुकाम दिलाया।
- -2002 में टाटा संस ने VSNL का अधिग्रहण किया और टाटा कम्युनिकेशन की शुरुआत हुई।
- – 2008 में टाटा ने भारत में आम भारतीय के कार का सपना पूरा करने का वादा पूरा किया और 1 लाख रुपये में टाटा नैनो कार लॉन्च कर दी।
- -साल 2012 में रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन टाटा ग्रुप को उनका मार्गदर्शन मिलता रहा। इसके बाद वह टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर भारत में गरीब लोगों के जीवनस्तर को और बेहतर करने के लिए काम करते रहे।
रतन टाटा नेट वर्थ (Ratan Tata Net worth)
रतन टाटा की नेट वर्थ 3800 करोड़ रुपये की नेट वर्थ थी और IIFL Wealth Hurun India Rich List 2022 लिस्ट में वह 421वें नंबर पर थे।
लखटकिया कार का सपना
बात जब रतन टाटा की हो तो नैनो कार का जिक्र होगा ही। रतन टाटा की सोच हमेशा से सिर्फ प्रॉफिट पाना नहीं रहा । वह सामाजिक दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। इसी विज़न के चलते उन्होंने टाटा नैनो जैसी किफायती कार का सपना देखा और उसे पूरा भी किया। 1 लाख रुपये में आने वाली Tata Nano ना केवल सड़कों पर उतरी बल्कि बाजार में इसने प्रतिद्वन्दियों को बजट कार लाने पर मजबूर भी किया। टाटा की आइकॉनिक Tata Indica ने भी इंडियन कार के तौर पर खूब लोकप्रियता हासिल की।
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नहीं हो सकी रतन टाटा की शादी
देश के सबसे बड़े कारोबारी रतन टाटा की शादी नहीं हुई। जी हां, वह कुंवारे रहे। एक बार एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद यह बताया था कि वह 4 बार शादी करने वाले थे लेकिन किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि 1962 में उन्हें एक लड़की से प्रेम हुआ था और वह शादी करने वाले थे लेकिन भारत-चीन युद्ध के बाद लड़की की फैमिली ने उन्हें भारत आने से मना कर दिया। जिसके चलते शादी नहीं हो पाई।