पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष सरकार की ओर से 15,000 रुपये की राशि मिलनी चाहिए। एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने सरकार को यह सुझाव दिया है। हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एम.एस स्वामीनाथन के द्वारा स्थापित फाउंडेशन ने कहा कि सरकार को मौजूदा स्थिति में किसानों को मिलने वाली राशि बढ़ानी चाहिए। फिलहाल पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये की राशि दी जाती है।
यह रकम साल में 2,000 रुपये की तीन किस्तों के जरिए बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। स्वामीनाथन फाउंडेशन ने कहा कि इस स्कीम के तहत किसानों को जो रकम मिलती है, वह मौजूदा फसली सीजन के लिए और अन्नदाताओं को हुए नुकसान की भरपाई के लिहाज से पर्याप्त नहीं है। फाउंडेशन ने कहा कि सरकार को लॉकडाउन के बीच भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों की सब्जियों एवं फलों की फसल आसानी से बिक सके। फाउंडेशन ने कहा कि फिलहाल कई इलाकों में फसलों की कटाई के लिए बड़े पैमाने पर मजदूरों की मांग है। ऐसे में सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फसलों की कटाई के लिए मजदूरों की उपलब्धता हो सके।
स्वामीनाथन ने कहा कि सरकार को रबी की फसल की कटाई के साथ ही यह भी तय करना चाहिए कि न्यूनमत समर्थन मूल्य के साथ उनकी खरीद भी की जाए। बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान 8.89 करोड़ परिवारों के खाते में 17,793 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने सोमवार को आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 24 मार्च से अब तक इस योजना के तहत 17,793 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। यही नहीं इस बीच मध्य प्रदेश के 15 लाख किसानों के खाते में भी अगले सप्ताह से फसल बीमा योजना की रकम ट्रांसफर की जा सकती है।
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