पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत भारतीय किसान यूनियन ने अन्नदाताओं को सालाना 24,000 रुपये दिए जाने की मांग की है। किसान संगठन ने कोरोना संकट से प्रभावित किसानों को मदद पहुंचाने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है। इसके साथ ही पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि को भी चौगुना करने की मांग की है। फिलहाल इस स्कीम के तहत किसानों को साल भर में 6,000 रुपये की रकम मिलती है। यदि सरकार की ओर से इस मांग को स्वीकार कर लिया जाता है तो यह अन्नदाताओं को एक बड़ी सौगात होगी। पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने पिछले सप्ताह कहा था कि फल एवं सब्जियों की पैदावार करने वाले किसान बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। ट्रांसपोर्ट की कमी के चलते किसानों को अपनी फसल का नुकसान झेलना पड़ा है।
राकेश टिकैत ने लिखा, ‘राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से किसानों को अपनी सब्जी और फलों की फसलों को खेतों में ही नष्ट करना पड़ा है। इसके अलावा मांग में कमी के चलते फसलों के उचित दाम भी नहीं मिल सके हैं। ऐसी स्थिति में किसानों के पास अपनी फसलों को नष्ट करने के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं बचा था।’
किसान नेता ने कहा कि इस संकट के चलते फलों और सब्जी की पैदावार करने वाले किसानों की 80 फीसदी के करीब फसल बर्बाद हो गई है। इसके अलावा फूलों की खेती करने वाले किसानों को अपनी 100 फीसदी फसल का नुकसान उठाना पड़ा है।
किसान नेता ने दावा किया कि सरकार ने दूध को जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में रखा है, लेकिन किसानों को इसमें भी 50 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभी सालाना 6000 रुपये की राशि दी जाती है। सरकार ने लॉकडाउन के चलते प्रभावित किसानों को मदद करते हुए अप्रैल के पहले सप्ताह में इस स्कीम के तहत 9 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये की राशि ट्रांसफर की थी। सरकार की ओर से इस स्कीम के तहत 14 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।
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