मौसम में किसी तरह का बदलाव या फिर असमय बारिश या सूखे की स्थिति में फसल सीधे तौर पर प्रभावित होती है। ऐसे हालात फसल के साथ ही किसान के लिए भी मुश्किल भरे होंते हैं। अन्नदाताओं को इस मुश्किल से निकालने के लिए ही केंद्र सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना की शुरुआत हुई है। इस बीमा के जरिए आप अपनी फसल की नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। 13 जनवरी, 2016 को शुरू हुई इस स्कीम के लिए आप आसानी से आवेदन कर सकते हैं। जानें, क्या है तरीका और कौन से दस्तावेज हैं जरूरी…

कैसे भर सकते हैं फॉर्म: पीएम फसल बीमा योजना के लिए बैंक जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म भी भरा जा सकता है। https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर आप फॉर्म भर सकते हैं। यदि आप पीएम फसल बीमा योजना के फॉर्म को ऑफलाइन भरना चाहते हैं तो इसके लिए नजदीकी बैंक शाखा पर जाना होगा।

कौन से दस्तावेज हैं जरूरी: पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसान को अपना फोटोग्राफ, आईडी कार्ड के तौर पर पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या आधार कार्ड देना होगा। इसके अलावा पते के प्रमाण के तौर पर भी इन्हीं दस्तावेजों में से किसी एक को दिया जा सकता है। अपने खेती के दस्तावेज रखने होंगे और खसरा नंबर की जानकारी देनी होगी। प्रधान, पटवारी या सरपंच के लेटर को पेश करना होगा कि किसान ने फसल बोई है। यदि आपने किसी अन्य व्यक्ति के खेत को किराये पर लेकर फसल बोई है तो अग्रीमेंट के दस्तावेज दिखाने होंगे। क्लेम की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ही आए, इसके लिए यह जरूरी होगा कि आप एक कैंसल चेक भी सौंपें।

कैसे कर सकते हैं क्लेम, क्या है प्रीमियम: प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसल कटाई से 14 दिनों पहले तक आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं। यहां यह बात ध्यान रखने की जरूरत है कि प्राकृतिक आपदा के अलावा अन्य किसी संकट पर बीमा की सुविधा नहीं मिलती। पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है, जबकि रबी के लिए 1.5 पर्सेंट प्रीमियम अदा करना होता है।

Coronavirus से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें: कोरोना वायरस से बचना है तो इन 5 फूड्स से तुरंत कर लें तौबा | जानिये- किसे मास्क लगाने की जरूरत नहीं और किसे लगाना ही चाहिए |इन तरीकों से संक्रमण से बचाएं क्या गर्मी बढ़ते ही खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस?