पूरे देश में नए घर खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है, एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 में टॉप सात शहरों में कुल बिक्री 3.6 लाख यूनिट से अधिक होने की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप भी घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इससे जुड प्रॉपर्टी टैक्‍स और नहीं चुकाने पर जुर्माना आदि के बारे में जान लेना चाहिए।

नगर निगम के अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले मकान या फ्लैट मालिकों से संपत्ति कर वसूलते हैं। संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने पर या समय सीमा के भीतर संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकता है। कानूनी एक्‍सपर्ट का मानना है कि प्रॉपर्टी टैक्‍स नहीं भरने पर परिणाम और जुर्माना अलग-अलग आधार पर तय किया जाता है।

उदाहरण से समझें दिल्ली नगर निगम (MCD) प्रति माह देय राशि पर 1 प्रतिशत का जुर्माना लगाता है। वहीं बेंगलुरु महानगर पालिक 2 फीसदी प्रति माह का ब्याज वसूल करता है। वहीं अगर समय से पॉपर्टी टैक्‍स नहीं चुकाया जाता है तो नगर निगल या प्राधिकरण कारण बताओ नोटिस भी भेज सकता है।

एसकेवी कानून कार्यालयों में वरिष्ठ सहयोगी आशुतोष के श्रीवास्तव के अनुसार, कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भी अगर संपत्ति का मालिक विफल रहता है या उक्त करों का भुगतान करने से बचता है, तो उस स्थिति में संबंधित नगरपालिका कानून की मदद ले सकता है। इसके साथ ही कारण बताओ नोटिस को नजरअंदाज करने पर 20 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

डीएमसी अधिनियम, 1957 के तहत, नगरपालिका प्राधिकरण संपत्ति, बैंक खाते, किराए और सभी चल संपत्तियों को कुर्क करके उक्त अधिनियम की धारा 155 और 156 के तहत देय राशि की वसूली कर सकता है।

कौन-कौन सा कदम उठाया जा सकता है

अगर कोई व्‍यक्ति प्रॉपर्टी पर टैक्‍स का भुगतान नहीं करता है तो यहां बताए गए कार्रवाई में से प्राधिकरण एक या सभी कदम उठा सकता है।

  • कारण बताओ नोटिस
  • अत्यधिक संपत्ति, बैंक खाता, किराया और सभी चल संपत्तियों की कुर्की।
  • विलफुल डिफॉल्टर्स को कठोर कारावास और जुर्माना भी लग सकता है।