अपना घर लेना हर किसी का सपना होता है। वहीं ज्यादातर लोग हाउस प्रॉपर्टी के लिए लोन लेते हैं और उस हिसाब से घर खरीदते हैं या फिर बनवाते हैं। ऐसे में आयकर विभाग हाउस प्रॉपर्टी पर 2 लाख रुपये का टैक्स कटौती योग्य मानता है। गौर करने वाली बात है कि रहने की उद्देश्य से लिया गया घर और उसमें आपका परिवार रहता है, तो ब्याज छूट का दावा किया जा सकता है, लेकिन आयकर विभाग की ओर से किराए पर दी गई संपत्ति पर टैक्स लगाया जा सकता है, जिसकी सीमा तय नहीं की गई है।
तीन घरों के मालिक होने पर मिलेगा टैक्स छूट?
अगर आपके पास दो घर है तो आयकर विभाग की ओर से टैक्स कटौती का दावा तो किया जा सकता है, लेकिन अगर आप दो घर से अधिक के मालिक हैं तो आयकर विभाग टैक्स लगाने पर विचार कर सकता है।
उदाहरण से समझें- अगर मान लीजिए आपके पास कुल तीन घर अलग-अलग शहर में हैं और आपका परिवार तीनों घरों में रहता है तो आप केवल दो घरों को टैक्स छूट के अंदर ला सकते हैं, तीसरे घर पर आयकर विभाग की ओर से टैक्स वसूल किया जाएगा, क्योंकि विभाग तीसरे घर को किराए पर दी गई संपत्ति के रूप में मानेगा।
किराये पर दी गई संपत्ति पर आय का कैलकुलेशन
हाउस प्रॉपर्टी पर आय का कैलकुलेशन एक लंबी और जटित प्रक्रिया के तहत आता है। संपत्ति का कुल वार्षिक इनकम- मिले किराये या उचित अपेक्षित किराया में से जो अधिक हो, उसपर कैलकुलेट किया जाता है। उचित आपेक्षित किराया बाजार के हिसाब से या फिर नगरपालिका की ओर से निर्धारण किया जाता है। किराए पर प्राप्त की गई सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत की मानक कटौती के तहत आती है। हालांकि कुछ नियम और शर्त के तहत लोन ली गई संपत्ति पर ब्याज खर्च के रूप में टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
किस स्थिति में मिलेगा होम प्रापर्टी इनकम पर छूट
होम लोन लेने पर आप आयकर की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये और धारा 24 के तहत कटौती योग्य होम लोन पर ब्याज, स्वयं के रहने वाली संपत्ति के लिए 2 लाख रुपये तक छूट पा सकते हैं। यदि संपत्ति किराए पर दी गई है, तो ब्याज की पूरी राशि बिना किसी लिमिट के कटौती के रूप स्वीकृत होगा।