माता-पिता बनते ही नवजात बच्चे की शिक्षा और स्वास्थ्य की नई जिम्मेदारी लोगों पर आ जाती है। जिसमें शिक्षा की जिम्मेदारी शुरू करने के लिए आपके पास 3 से 5 साल तक का समय होता है। लेकिन स्वास्थ्य की जिम्मेदारी माता-पिता को नवजात बच्चे के जन्म के साथ ही उठानी होती है। ऐसे में अगर आपके घर में भी हाल ही में किसी नवजात बच्चे का जन्म हुआ है तो आप उसकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी करा कर अपनी जिम्मेदारी को आसानी से पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने नवजात बच्चे को मौजूदा फैमिली फ्लोटर या ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में भी शामिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं बच्चों की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

90 दिन बाद देती है बीमा कंपनी हेल्थ पॉलिसी – नवजात के जन्म के 90 दिनों बाद ही बीमा कंपनियां बच्चे को हेल्थ पॉलिसी देती हैं। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि, 90 दिनों के दौरान बच्चों के साथ रिस्क की संभावना अधिक होती है। वहीं कई बीमा कंपनी ऐसी भी हैं जो बच्चे के जन्म के साथ ही हेल्थ पॉलिसी की सुविधा मुहैया कराती है। इसलिए आप जब भी अपने नवजात बच्चे के लिए हेल्थ पॉलिसी का चुनाव करें तो इस बात को साफ जरूर कर लें कि, हेल्थ पॉलिसी जन्म के साथ ही शुरू होगी या जन्म के 90 दिनों बाद एक्टिव होगी।

नवजात को बीमा कवर में करा सकते हैं शामिल – अगर आपके पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है तो इसके लिए बीमा पॉलिसी के मुताबिक, एक निश्चित प्रीमियम देते होंगे। फिर इसे हर साल रिन्यूअल कराते हैं। बच्चे के हेल्थ कवर को आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यूअल कराते समय शामिल करा सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको अपनी बीमा कंपनी की तरफ से निर्धारित फॉर्म में सारी जानकारी देने की होती है। याद रखें इसमें आपको संबंधित दस्तावेज भी जमा कराने होते हैं। जो कंपनियां बच्चे के जन्म लेते ही कवर प्रदान करती हैं, उन्हें बच्चे के जन्म से सात दिनों के भीतर बताना होता है।

हेल्थ पॉलिसी के लिए जरूरी हैं ये डॉक्यूमेंट्स – जब आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जन्म लेने वाले बच्चे को कवर में शामिल कराते हैं। तो इसके लिए आपको एक आवेदन देना होता है। जिसमें आपको बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, जन्म होने पर मां को अस्पताल से मिली छुट्‌टी का कार्ड और बाकी रिपोर्ट भी देनी होती हैं। इसके बाद आपको बीमा देने वाली कंपनी संबंधित डॉक्यूमेंट्स को चेक करके प्रीमियम कैलकुलेट करती है और ये प्रीमियम आपके वर्तमान प्रीमियम से थोड़ा ज्यादा होता है।

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पॉलिसी लेते समय कवर की पड़ताल जरूर करें- आप जब भी अपने बच्चे के लिए हेल्थ पॉलिसी लें। उससे पहले बीमा कंपनी द्वारा दिए जाने वाले कवर की पड़ताल जरूर करें। क्योंकि बहुत से बीमा कंपनी बच्चे को लगने वाली कुछ वैक्सीन के खर्च को ही कवर करती है। वहीं कुछ कंपनियां जन्मजात बीमारियों को कवर करती है। इसलिए जानकार कहते हैं कि, हेल्थ कवर को शामिल करते समय शुल्क और शर्तों को ध्यान से जरूर पढ़ना चाहिए।