नई दिल्ली। मुद्रास्फीति में गिरावट का श्रेय वैश्विक जिंस मूल्य में गिरावट को देते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि यदि सरकार को लगता है कि मूल्य स्थिति में आगे भी सुधार जारी रहेगा तो उसे रिजर्व बैंक को मुख्य दरों में कटौती के लिए राजी करना चाहिए। उन्होंने इस दावे को खारिज किया कि मुद्रास्फीति में गिरावट राजग सरकार के प्रयास से आई है। चिदंबरम ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि सरकार ने ऐसी क्या पहल की है जिसके कारण मुद्रास्फीति घटी है।
खाद्य कीमतों में गिरावट के मद्देनजर थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घट कर पांच साल के न्यूनतम स्तर 2.38 फीसद पर आ गई। इसके बाद सरकार ने कहा कि भारत कम और स्थिर मूल्य वाले दौर में प्रवेश कर रहा है। इस महीने खुदरा मुद्रास्फीति भी घट कर 6.46 फीसद पर आ गई। जो जनवरी 2012 में शुरू नई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक शृंखला का अब तक का न्यूनतम स्तर है। चिदंबरम ने कहा-मुझे मुद्रास्फीति का कम होना अच्छा लगता है लेकिन हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि इस खुशनुमा घटनाक्रम की वजह क्या रही है।
उन्होंने कहा कि इसकी प्रमुख वजह वैश्विक स्तर पर जिंस विशेष तौर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट रही है। एक अन्य वजह है सरकार को 2014-15 के लिए तय 4.1 फीसद के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर कायम रहना जो मूल रूप से अंतरिम बजट (यूपीए द्वारा पेश) में तय किया गया था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि यदि सरकार का मानना है कि मुद्रास्फीति इसी तरह किसी वजह से प्रभावित हुए बिना गिरती रहेगी तो उसे आरबीआइ को मुख्य दरों में कटौती के लिए कहना चाहिए।
चिदंबरम ने इस बात पर खेद जताया कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम को आगे नहीं बढ़ाया और खजाने पर ज्यादा ध्यान दिया। सरकार के इस कदम से हो सकता है कि खजाने में 60 हजार करोड़ रुपए की बचत हो जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सरकार मनरेगा कार्यक्रम के तहत भी धन को रोके हुए है। इस तरह के गलत कदमों से मांग पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गेहूं और चावल का स्टॉक खुले बाजार में जारी करने, राज्यों को कृषि उत्पाद विपणन अधिनियम (एपीएमसी कानून) में संशोधन के लिए कहने, राज्यों को जमाखोरों के खिलाफ कारवाई करने के लिए कहने व निर्यात के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य तय करना इस तरह के तमाम उपाय यूपीए सरकार द्वारा शुरू किए गए और मौजूदा सरकार उन्हीं को आगे बढ़ा रही है।
चिदंबरम ने कहा-हम इन उपायों को जारी रखने का स्वागत करते हैं लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि सरकार ने ऐसे कौन से उपाय किए जिससे मुद्रास्फीति कम करने में मदद मिली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को मुद्रास्फीति में गिरावट के लिए राजग सरकार के उठाए गए कदमों को श्रेय दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि देश अब निम्न और स्थिर मूल्य के दौर में पहुंच रहा है।