GST को लेकर चल रहे विवाद पर केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया है कि नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते पर कोई जीएसटी चार्ज नहीं वसूल किया जाता है। वहीं अस्‍पताल के आईसीयू बेड, बैंक या एटीएम से कैश विड्राल को भी जीएसटी के दायरे में नहीं रखा गया है।

गौरतलब है कि पिछले सप्‍ताह चंडीगढ़ में जीएसटी परिषद की बैठक हुई थी। इस दौरान कई निर्णय लिए गए थे, इसमें से जीएसटी लागू करने के संबंध में सीबीआईसी के कई स्पष्टीकरणों सामने आए थे। इसमें से एक कर्मचारियों के भत्ते पर जीएसटी नहीं लागू होने की बात भी कही गई थी। अब CBIC की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि नियोक्ता और कर्मचारी के बीच किए गए संविदात्मक समझौते के संदर्भ में नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को प्रदान किए गए अनुलाभ जीएसटी के अधीन नहीं होंगे।

कभी भी GST के दायरे में नहीं आ सकता भत्ता

सरकार द्वारा जारी स्पष्टीकरण तर्क के आधार पर कहा गया है कि जीएसटी को भत्तों पर लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि वे रोजगार अनुबंध द्वारा विनियमित होते हैं, जो जीएसटी अधिनियम 2017 की अनुसूची III के अनुसार GST के दायरे से बाहर हैं। वहीं कर्मचारियों पर भत्तों पर जीएसटी लागू होने के संबंध में कई मुकदमें भी लंबित थे, जो अब इस स्‍पष्‍टीकरण से खत्‍म हो जाएंगे।

बैंक से कैस निकालने पर भी कोई GST नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि बैंकों से नकदी निकालने पर कोई जीएसटी नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद में सभी राज्य पहले से पैक, लेबल वाले खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर सहमत हुए और उस प्रस्ताव के खिलाफ एक भी व्यक्ति ने बात नहीं की। उन्होंने कहा कि अस्पताल के बेड या ICU पर कोई जीएसटी नहीं है और टैक्स केवल 5000 रुपए प्रति दिन के किराए वाले कमरों पर है।

कौन-कौन सा दिया जाता है भत्ता

बता दें कि कर्मचारियों को भत्ते के तौर पर कंपनी या नियोक्‍ता के तौर पर कई चीजें दी जाती हैं। इसमें परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, बीमा या कैंटीन सेवाएं शामिल की गई हैं। साथ ही महंगाई और यात्रा भत्ता भी कर्मचारियों को दिया जाता है।