रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी पिछले कुछ समय से तेजी से अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं। बीते 3 वर्षों में मुकेश अंबानी ने ग्रॉसरी, ई-फार्मेसी, पेमेंट्स, फैशन और फर्नीचर के कारोबार से जुड़ी कंपनियों को खरीदा है। अब मुकेश अंबानी दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल ब्रांड रेस्टोरेंट चेन सबवे इंक (Subway Inc) की भारतीय फ्रेंचाइजी खरीदने की योजना बना रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सौदा 1488 से 1860 करोड़ रुपए में हो सकता है।

सबवे इंक सैंडविच बनाने का कारोबार करती है। इस कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में है। अभी कंपनी भारत में क्षेत्रीय फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए कारोबार करती है। फिलहाल कंपनी दुनियाभर में अपने कारोबार की रिस्ट्रक्चरिंग कर रही है। इसके जरिए कंपनी अपनी लागत और मैनपावर में कमी करना चाहती है। कोविड के कारण कारोबार प्रभावित होने के चलते रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

सभी फ्रेंचाइजी को मिलाकर एक प्लेटफॉर्म बनाना चाहती है सबवे: रिपोर्ट के मुताबिक, सबवे अभी भारत में क्षेत्रीय फ्रेंचाइजी के जरिए कारोबार करती है। कंपनी की योजना सभी क्षेत्रीय फ्रेंचाइजी को मिलाकर एक प्लेटफॉर्म बनाने की है। 2017 में भी ऐसा प्रयास किया गया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था। दरअसल, कंपनी सिंगल पार्टनर के जरिए अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है।

टाटा ग्रुप से होगी सीधी टक्कर: यदि सबवे और रिलायंस इंडस्ट्री में बातचीत सफल हो जाती है तो रिलायंस रिटेल को इसके पूरे देश में फैले 600 स्टोर मिल जाएंगे। इस सौदे से रिलायंस रिटेल और सबवे दोनों को कारोबार के विस्तार में मदद मिलेगी। यह एक क्विक सर्विस रेस्टोरेंट कारोबार है। यदि रिलायंस रिटेल की इस सेगमेंट में एंट्री होती है तो इसकी टाटा ग्रुप और जुबिलेंट ग्रुप से सीधी टक्कर होगी। यह दोनों ग्रुप डॉमिनोज पिज्जा, बर्गर किंग, पिज्जा हट और स्टारबक्स की भारतीय फ्रेंचाइजी का संचालन करते हैं।

अन्य कंपनियां भी खरीदारी की इच्छुक: सबवे की भारतीय फ्रेंचाइजी को खरीदने के लिए अन्य कंपनियां भी इच्छुक हैं। इसमें डाबर के अमित बर्मन की कंपनी लाइट बाइट फूड्स भी शामिल है। सबवे का मालिकाना हक डॉक्टर्स एसोसिएट्स के पास है। भारत के क्विक सर्विस रेस्टोरेंट में सबवे की 6 फीसदी हिस्सेदारी है। 21 फीसदी के साथ डॉमिनोज पहले और 11 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मैकडॉनल्ड दूसरे स्थान पर हैं। भारत में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट का बाजार करीब 18 हजार करोड़ रुपए का है।