मध्यप्रदेश की एक सहकारी फर्म ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के आर्डर पर प्रोटीन से भरे ‘कड़कनाथ’ नस्ल के 2000 मुर्गे झारखंड के रांची स्थित उनके फार्म पर भेजे हैं ।
झाबुआ के कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने पीटीआई को बताया कि धोनी ने एक स्थानीय सहकारी फर्म को 2000 कड़कनाथ मुर्गो का आर्डर दिया था जो एक वाहन से रांची भेज दिये गए हैं। उन्होंने कहा,‘‘ यह अच्छा कदम है कि धोनी जैसे सितारे ने कड़कनाथ मुर्गे की नस्ल में रूचि जताई है। कोई भी ऑनलाइन आर्डर कर सकता है जिससे इस नस्ल के मुर्गे पालने वाले आदिवासियों को फायदा होगा।’’
झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख आई एस तोमर ने कहा कि धोनी ने कुछ समय पहले यह आर्डर दिया था लेकिन बर्ड फ्लू फैला होने के कारण भेजा नहीं जा सका।
धोनी ने विनोद मेदा को आर्डर दिया जो झाबुआ के रूंडीपाड़ा गांव में कड़कनाथ नस्ल के मुर्गे के पालन से जुड़ी सहकारी संस्था चलाते हैं। सभी 2000 काले कड़कनाथ मुर्गे को रांची वैक्सीनेशन के बाद ही भेजा जाएगा।
मेदा ने कहा कि “झाबुआ की आदिवासी संस्कृति के परिचायक तीर कमान भी धोनी को भेजे जायेंगे।” मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के काले कड़कनाथ मुर्गे को छत्तीसगढ से कानूनी लड़ाई के बाद 2018 में ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला है। जीआई टैग मिलने के बाद किसी भी वस्तु का बाजार मूल्य बढ़ जाता है, जिस कारण यह मुर्गा, इसके अंडे और मांस दूसरी नस्ल से महंगे दाम में बेचा जाता है।
कड़कनाथ मुर्गे की खासियत: कड़कनाथ मुर्गे या मुर्गी को उसके काले रंग से आसानी से पहचाना जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका मांस, खून, आंख और लगभग शरीर के सभी हिस्से भी पूरी तरह से काले होते हैं। इसके मांस का सबसे स्वास्थ्य के अच्छा माना जा जाता है। इसमें बड़ी मात्रा में आयरन और प्रोटीन होता है तो वहीं अन्य मुर्गों की तुलना में इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, जिसे खाने से कई नुकसान नहीं होता है।
1200 रुपए किलो में बिकता है मांस: अपनी इन खूबियों के कारण कड़कनाथ मुर्गे की मांग बाजार में अच्छी खासी बनी रहती है और इसका मांस करीब 1200 रुपए प्रति किलो से 1500 रुपए प्रति किलो में बिकता है।