कोरोना संकट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के उबरने को लेकर मौसम विभाग की भविष्यवाणी ने उम्मीदें जगा दी हैं। विभाग के मुताबिक इस साल मॉनसून में 100 फीसदी बारिश होगी और खरीफ की फसल अच्छी होने की संभावना है। 40 दिन के लॉकडाउन के दौर से गुजर रही भारतीय इकॉनमी के लिए यह अच्छा संकेत माना जा रहा है। कम से कम खाद्यान्न सुरक्षा और महंगाई की दर के लिहाज से यह बेहतर होगा। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि इस साल पूरे सीजन में 100 फीसदी बारिश हो सकती है। हालांकि 5 फीसदी कम या ज्यादा की संभावना रहेगी। मौसम विज्ञान की परिभाषा के मुताबिक 100 फीसदी को बारिश को सामान्य माना जाता है।

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के माधवन राजीवन ने कहा, ‘इस साल देश में मॉनसून सामान्य रहेगा। पूरे मौसम के दौरान 100 फीसदी वर्षा होने की भी संभावना है। हालांकि मॉडल ऐरर के चलते 5 फीसदी कम या फिर 5 पर्सेंट ज्यादा बारिश हो सकती है।’ यदि ऐसा होता है तो कृषि सेक्टर के अलावा उससे जुड़े फूड प्रोसेसिंग समेत अन्य क्षेत्रों के लिए भी यह बेहद अहम होगा। फिलहाल लॉकडाउन के बाद भी सभी सेक्टरों में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि भारत में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में मॉनसून की हमेशा से अहम भूमिका रही है। खासतौर पर ऐसे इलाकों में जहां सिंचाई के लिए नहर आदि का प्रबंध नहीं है। इस बीच होम मिनिस्ट्री ने 20 अप्रैल से कृषि एवं उससे जुड़े अन्य सेक्टर्स को कामकाज शुरू करने की मंजूरी दी है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी स्टडी में कहा है कि खराब मौसम के चलते अकसर भारत की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता रहा है। आरबीआई के मुताबिक आर्द्रता और तापमान हमेशा से भारत की आर्थिक सेहत के लिए अहम रहा है। खासतौर पर पीएमआई, आईआईपी, बिजली की मांग, ट्रेड, टूरिस्ट अराइवल, ट्रैक्टर और ऑटोमोबाइल सेल समेत तमाम फैक्टर्स में मौसम की अहम भूमिका रहती है। इस स्टडी में अर्थव्यवस्था और तापमान के बीच संतुलन भी स्थापित किया गया।

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