प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक आॅफ बड़ोदा की एक शाखा से 6000 करोड़ रुपए के संदिग्ध विदेशी मुद्रा लेन-देन की धनशोधन जांच के बारे में 12 करोड़ 52 लाख रुपए मूल्य की रियल एस्टेट संपत्तियां और लग्जरी कारें जब्त की हैं। एक दर्जन से ज्यादा चल और अचल संपत्तियों की यह जब्ती इस मामले में गिरफ्तार चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हुई है।
ऐसा धनशोधन अधिनियम के आपराधिक प्रावधानों के तहत किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘प्राथमिक जांच के समापन पर आरोपित व्यक्तियों – कमल कालरा, चंदन भाटिया, संजय अग्रवाल और गुरुचरण सिंह – की कुछ संपत्तियां अस्थाई तौर पर जब्त की गई हैं।’
इस मामले में जब्त 14 संपत्तियों की सूची में दिल्ली, गुड़गांव और राजस्थान में फ्लैट और भूखंड और मर्सिडीज बेंज, एलांत्रा और होंडा सिटी जैसी महंगी कारें शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया, ‘एजंसी जल्द ही इन संपत्तियों का कब्जा हासिल करने के लिए कार्रवाई की शुरुआत करेगी।’ इससे पहले एजंसी ने इस मामले को कारोबार आधारित धनशोधन की एक कथित घटना करार दिया था, जहां आरोपी कारोबारी स्लश फंड सृजित करने के लिए सीमा शुल्क और कर वंचन करते हैं।
अक्तूबर में गिरफ्तार चारों लोगों को कथित रूप से कम से कम 15 फर्जी कंपनियों के बिचौलिया बताया जाता है। कुछ महीना पहले पाया गया था कि 59 फर्जी कंपनियां आर्थिक अपराध में संलिप्त हैं।