Karnatak Budget 2025, CM Siddaramaiah Budget Speech: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आज (7 मार्च 2025) कर्नाटक विधानसभा में 16वां बजट पेश किया। इस बजट में औद्योगिक विकास, कल्याण योजनाओं, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर जोर दिया गया है। सिद्धारमैया ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बजट अगले एक साल के लिए राज्य के व्यापक विकास के लिए मार्गदर्शक साबित होगा।

कर्नाटक की राज्य जीडीपी में 7.4% की वृद्धि दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय विकास दर 6.2% से अधिक है, जबकि कृषि क्षेत्र में 4% की वृद्धि हुई। सरकार ने ब्रांड बेंगलुरु के तहत 21 परियोजनाओं के लिए 1,800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, साथ ही मौसम संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए 3,000 करोड़ रुपये और कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के चरण 5 के लिए 555 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

2025-26 के लिए कुल व्यय 4.09 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। इसमें 3,11,739 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय, 71,336 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय और 26,474 करोड़ रुपये का ऋण भुगतान शामिल है।

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कर्नाटक बजट की 10 बड़ी बातें: Karnataka Budget 2025 Highlights

-मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि अल्पसंख्य परिवारों को कम लागत वाली शादियों के लिए 50,000 रुपये वित्तीय सहायता मिलेगी।

-सीएम ने बजट पेश करते हुए मेट्रो नेटवर्क को केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक एक्सपेंड करने की जानकारी दी।

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-बेंगलुरु में ट्रैफिक को कम करने के लिए 15000 करोड़ रुपये की अुमानित लागत से हेब्बल एस्टीम मॉल को सिल्क बोर्ड जंक्शन से जोड़ने के लिए 18.5 किलोमीटर लंबी उत्तर-दक्षिण सुरंग बनाए जाने की योजना का ऐलान किया।

-ब्रांड बेंगलुरु के तहत 21 परियोजनाओं के लिए बजट में 1800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।

-मौसम से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए करीब 3000 करोड़ रुपये आवंटित हुए।

-कावेरी जल आपूर्ति परियोजना के पांचवें चरण के लिए ₹555 करोड़ आवंटित किए गए।

-सरकार नाबार्ड के सहयोग से मैसूर में रेशम कीट बाजार स्थापित करेगी। शहरी विकास के लिए महानगर पालिका को 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।

-सिद्धारमैया सरकार ने बजट में जैन पुजारियों, सिखों के मुख्य ग्रंथियों और मस्जिदों मं पेश-इमामों की सैलरी बढ़ाकर 6000 रुपये करने का ऐलान किया।

-इसके अतिरिक्त, अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए राज्य भर में बहुउद्देश्यीय हॉल का निर्माण किया जाएगा। ये हॉल होबली और तालुक स्तर पर 50 लाख रुपये और जिला मुख्यालय और नगर निगम क्षेत्रों में 1 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे।

-अपशिष्ट जल के प्रबंधन के लिए 500 गांवों में ग्रे वाटर प्रबंधन इकाइयां स्थापित की जाएंगी।

-ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों के साथ साझेदारी में, मिश्रित फसल प्रणाली के तहत 5,000 एकड़ में मसाला और फलों की फसलों की खेती की जाएगी।

हरियाली बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरने वाली 5,000 किलोमीटर राज्य और जिला सड़कों को पौधों से सजाया जाएगा।

-चरणबद्ध तरीके से खेत तक पहुंच सड़कों को विकसित करने के लिए ‘कृषि पथ’ योजना शुरू की जाएगी।

-कृषि कवच योजना 50,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर बांध बनाकर भूजल पुनर्भरण और मिट्टी संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करेगी।

-प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत, लाभार्थी का योगदान घटाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है, जिसमें राज्य सरकार अपनी ओर से 5 लाख रुपये का योगदान देगी।

-कर्नाटक स्लम डेवलपमेंट बोर्ड ने 1,80,253 घरों के निर्माण को मंजूरी दी है, जिनमें से 86,651 घर पहले ही पूरे हो चुके हैं। शेष घरों को समय पर पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जाएगा।

-13 जनजातीय समुदायों को राज्य सिविल सेवाओं में सीधे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

-बादामी और चित्रदुर्ग में नए ट्रॉमा केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

-मांड्या को नया कृषि विश्वविद्यालय मिलेगा।

-वर्ष के लिए कुल उधारी 1.16 लाख करोड़ रुपये आंकी गई।

——तुमकुर में जापानी औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा।

-जैविक और बाजरा की खेती के लिए 20 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी।

-बुनकरों को 100 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी।

-20 एचपी (10 एचपी से बढ़ाकर) तक के सेटअप वाले पावरलूम बुनकर अब सब्सिडी और सहायता के पात्र होंगे।

-उद्यमिता योजना के तहत अनुसूचित जाति के युवाओं को फास्ट फूड ट्रक उपलब्ध कराए जाएंगे।

-करकला, रानीबेन्नूर, रायचूर, कदुर और चिकमगलूर में नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।

-120 करोड़ रुपये की योजना के तहत 47,859 आदिवासी परिवारों को पौष्टिक भोजन किट प्राप्त होंगे।