कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने देश भर में लॉकडाउन की मियाद को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके चलते करोड़ों लोगों के सामने नौकरी जाने या फिर सैलरी कट का संकट और गहरा सकता है। ऐसी स्थिति में यदि आपके पास जन धन खाता है तो आपको इसके तहत बड़ी मदद मिल सकती है। जन धन योजना के अकाउंट होल्डर्स को सरकार ने 10,000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी है, जिसे कभी भी निकाला जा सकता है। भले ही यह रकम बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन जरूरत के वक्त आपके लिए बेहद अहम और कारगर साबित हो सकती है। आइए जानते हैं, क्या हैं जन धन योजना खातों पर ओवरड्राफ्ट का नियम…
निकाल सकते हैं 10,000 रुपये तक की रकम: जन धन खाते से यदि आप कभी ओवरड्राफ्ट करते हैं तो उस पर सभी बैंकों की दरें अलग-अलग हैं, जो सालाना 12 से 20 फीसदी तक है। यदि इसे मासिक तौर पर तब्दील करके देखें तो यह ब्याज 1 फीसदी से 1.75 फीसदी के करीब ही बैठता है, जो बहुत ज्यादा नहीं है। यही नहीं यदि आप इस स्कीम के तहत खुले खाते से 2,000 रुपये तक की राशि निकालते हैं तो कोई ब्याज नहीं देना होगा।
परिवार में एक खाते पर मिलती है सुविधा: सरकार ने जन धन योजना के तहत खुले 20.6 करोड़ महिलाओं के खातों में अप्रैल से जून तक 500 रुपये की रकम भेजने का फैसला किया है। देश में कुल 38 करोड़ जन धन खाते हैं। भले ही सरकार ने 500 रुपये की मदद सिर्फ महिलाओं के खातों पर की है, लेकिन ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ किसी भी अकाउंट लिया जा सकता है। हालांकि यह बात ध्यान रखें कि ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी परिवार में किसी एक खाते पर ही ली जा सकती है।
जीरो बैलेंस पर खुलवा सकते हैं अकाउंट: इस स्कीम के तहत खाताधारकों को जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा की सुविधा भी मिलती है। इसके अलावा रूपे डेबिट कार्ड भी दिया जाता है। इस खाते पर मिनिमम बैलेंस का कोई नियम नहीं है। किसी भी बैंक शाखा से इस अकाउंट को जीरो बैलेंस पर खुलवाया जा सकता है। 2014 में मोदी सरकार ने इस स्कीम का ऐलान किया था। सरकार का मकसद इन खातों के जरिए देश के गरीब तबके के लोगों तक सरकारी मदद को बिना किसी रुकावट और भ्रष्टाचार के पहुंचाना रहा है।
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