Infosys Narayana Murthy on Worklife Balance: इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने वर्कलाइफ बैलेंस को लेकर बयान दिया है। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर WorkLife Balance को लेकर बहस छिड़ गई है। सप्ताह में 70 घंटे काम के अपने पुराने बयान का भी मूर्ति ने बचाव किया और कहा कि भारत की समृद्धि के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है।
CNBC Global Leadership Summit में हफ्ते में 70 घंटे काम के अपने पुराने बयान पर नारायण मूर्ति ने कहा, ‘मुझे खेद है, मेरी राय बदली नहीं है। मैं अपने बयान पर मरते दम तक कायम रहूंगा।’
अनुभवी उद्यमी ने कहा कि वह 1986 में भारत के छह-दिवसीय कार्य सप्ताह से पांच-दिवसीय कार्य सप्ताह में बदलाव से “निराश” थे। मूर्ति ने यह भी कहा कि भारत के विकास के लिए त्याग की आवश्यकता है ना कि आराम की।
पीएम मोदी के सप्ताह में 100 काम की तरफ दिलाया ध्यान
पीएम मोदी के सप्ताह में 100 काम की तरफ दिलाया ध्यान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सप्ताह में 100-घंटे काम की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, ‘जब पीएम मोदी इतनी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो हमारे आसपास जो हो रहा है, उसके लिए सराहना दिखाने का एकमात्र तरीका उतनी ही कड़ी मेहनत करना है।’
नारायण मूर्ति ने वर्क एथिक (कार्य नीति) के बारे में अपनी निजी राय भी साझा की। उन्होंने खुलासा किया कि अपने पूरे करियर में उन्होंने सप्ताह में साढ़े 6 दिन तक 14 घंटे का कड़ा शेड्यूल बनाए रखा। वह सुबह 6.30 बजे ऑफिस पहुंचते थे और रात करीब 8.40 बजे ऑफिस से वापस आते थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस पर गर्व है।’
78 वर्षीय दिग्गज कारोबारी का मानना है कि सफलता का एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत है। उन्होंने कहा, ‘इस देश में हमें कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। हार्ड वर्क का कोई विकल्प नहीं है। अगर आप सबसे होशियार शख्स भी है तो भी आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।’