रेलवे अपनी कमाई बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रहा है। अब इंडियन रेलवे राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में से एसी 2 के कोचों की संख्या कम करके एसी 3 के कोचों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इसके पीछे फ्लेक्सी फेयर स्कीम है। फ्लेक्सी फेयर स्कीम से रेलवे एक साल में 862 करोड़ रुपए की कमाई कर रहा है। फ्लेक्सी फेयर स्कीम में टिकट महंगा बिकता है। एसी 2 के किराया कई रुट्स पर फ्लाइट के किराए के लगभग बराबर है। पिछले वित्त वर्ष में वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में रेलवे के पैसेंजर्स में 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं एसी 2 और फर्स्ट एसी के कुछ पैसेंजर्स फ्लाइट्स की तरफ रुख कर रहे हैं। क्योंकि इनका किराया लगभग बराबर है। एसी 3 में रेलवे को ज्यादा मुनाफा होता है। यही कारण है कि रेलवे एसी फर्स्ट क्लास और एसी 2 को एसी 3 से रिप्लेस करने की तरफ काम कर रहा है।
एसी 3 को छोड़कर दूसरे सभी आरक्षित वर्ग रेलवे के लिए फायदे का सौदा नहीं हैं। रेलवे बोर्ड (ट्रैफिक) के मेंबर मोहम्मद जमशेद ने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह यह देखें कि किन रुट्स पर राजधानी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में इस रिप्लेस्मेंट की जरुरत है। रेलवे ज्यादा से ज्यादा एसी 3 कोच ट्रेनों में लगाना चाहता है। यह सिर्फ ज्यादा लोगों को सुविधा देने के लिए नहीं बल्कि ज्यादा कमाई के लिए भी है। 2018-19 में रेलवे 1,000 नए एसी 3 कोच बनाने वाला है। यह अब तक का एक साल में बनाए जाने वाले एसी 3 कोचों का सबसे ज्यादा टारगेट है। पिछले साल यह संख्या 778 थी।
जहां तक एसी सेंकंड का सवाल है सितंबर 2016 में फ्लेक्सी किराए की शुरुआत के बाद से रेलवे कई रुट्स पर एयरलाइन्स के बराबर किराए से जूझ रहा है। उदाहरण के तौर पर, 20 अप्रैल को बेंगलुरु राजधानी के एसी 2 का दिल्ली से बेंगलुरु का किराया 5830 रुपये है, जिसमें 1642 रुपए डायनेमिक, फ्लेक्सि-फेयर के मुताबिक बेस फेयर और दूसरे चार्जेज 3284 रुपए हैं। वहीं इसी दिन फ्लाइट का किराया 4321 रुपए है। वहीं फ्लेक्सी फेयर के मुताबिक ही 20 अप्रैल को दिल्ली से मुंबई का राजधानी के एसी 2 का किराया 4,105 रुपए है। वहीं इसी दिन दिल्ली से नॉन स्टॉप फ्लाइट का किराया 3,867 है।

